लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर राजनैतिक उठा-पटक जारी है। कहीं से कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर है, तो कहीं से बीजेपी कांग्रेस पर। ऐसे में नेताओं का दल बदलने का दौर भी जारी है। वहीं एक बिहार में कांग्रेस जहां लगातार कमजोर होती जा रही है, तो वहीं भाजपा अपना छाप छोड़ने में लगी हुई है।
कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि सहयोगी उसे बेहतर सीट नहीं दे रहे हैं। आरोप है कि कांग्रेस के भाग्यविधाता बिहार में लालू प्रसाद हैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पर भी कई तरह के आरोप लगते रहे हैं। ऐसे में इस बार के लोकसभा चुनाव में पार्टी को उन सीटों से भी बेदखल कर दिया गया है, जो उनकी परंपरागत सीटें रही है।
दरअसल, कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी(CPI) से जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के लिए बेगूसराय की सीट की मांग कर रही थी। लेकिन सीपीआई ने कांग्रेस पार्टी की मांग को नकार दिया है। सीपीआई ने इस सीट से अवधेश राय को अपना प्रत्याशी बनाया है।
बता दें कि पिछली बार इस सीट से कन्हैया कुमार सीपीआई के ही टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़े थे। उन्होंने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ ताल ठोकी थी। हालांकि, उन्हें गिरिराज सिंह ने हरा दिया था। अब कन्हैया कांग्रेस के टिकट पर इस सीट से चुनाव लड़ने के प्रयास में थे।
छात्रसंघ की राजनीति के बाद कन्हैया ने सीपीआइ के जरिए बड़े स्तर पर अपनी राजनीति शुरू की। पार्टी ने उन्हें 2019 के आम चुनाव में बड़े नेताओं को दरकिनार कर बेगूसराय लोकसभा सीट से भाजपा के दिग्गज गिरिराज सिंह के खिलाफ उम्मीदवार भी बनाया था। यहां से राजद के तनवीर हसन उम्मीदवार थे। एक लाख 98 हजार वोट लाकर तनवीर हसन तीसरे स्थान पर रहे। वहीं कन्हैया कुमार दो लाख 69 हजार से अधिक वोट पाकर दूसरे नंबर पर रहे थे।