मानसून सत्र खत्म होने के तुरंत बाद सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुला रही है। इस खबर के बाहर आते ही राजनीतिक गतिविधियां अचानक बढ़ गई है। इसका कारण दो राज्यों के सीएम द्वारा लोकसभा चुनाव को लेकर जताई गई आशंका है। दरअसल, बिहार के सीएम नीतीश कुमार और बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने पिछले दिनों यह आशंका जाहिर की थी कि मोदी सरकार लोकसभा चुनाव वक्त से पहले करा सकती है। अब इसी भविष्यवाणी को लेकर चर्चा ने जोर पकड़ लिया है।
सत्र में पेश होगा विशेष बिल
सरकार द्वारा 18 सितंबर से बुलाया जा रहा विशेष सत्र 22 सितंबर तक चलना है। कुल 5 बैठकों के इस सत्र में चर्चा यह हो रही है कि मोदी सरकार कुछ बड़े स्ट्रोक खेल सकती है, जो उसे आगे के चुनाव में लाभ पहुंचाएं। साथ ही यह भी चर्चा है कि इसी सत्र में सरकार वन नेशन, वन इलेक्शन बिल भी ला सकती है। देश में ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ को लेकर बहस काफी समय से चल रही है। इसी साल जनवरी में लॉ कमीशन ने इसको लेकर राजनीतिक दलों से छह सवालों के जवाब मांगे थे। हालांकि कई राजनीतिक दल इसके विरोध में हैं।
जल्दी लोकसभा चुनाव कराने की चर्चा
लोकसभा चुनाव को जल्दी कराने के पीछे नीतीश कुमार ने तो किसी विशेष कारण को सार्वजनिक नहीं किया। लेकिन ममता बनर्जी ने कहा था कि इसी साल होने वाले राज्यों के चुनाव में भाजपा हार रही है और हार के साथ भाजपा लोकसभा चुनाव में नहीं जाना चाहती। इसलिए वो चुनाव जल्दी करा सकती है। वहीं सरकार द्वारा एलपीजी के दाम में कटौती के फैसले को भी चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
अब विशेष सत्र बुलाने से यह चर्चा चलने लगी है कि इस सत्र में सरकार कुछ बड़े फैसले जनता के सामने ला सकती है, जिसका उसे चुनाव में भी लाभ मिले। वैसे संसद के इस विशेष सत्र की टाइमिंग को लेकर उद्धव गुट शिवसेना ने सवाल खड़े कर दिए हैं। गणेश उत्सव के दौरान बुलाए जा रहे सत्र को उद्धव गुट ने हिंदुओं के अपमान से जोड़ा है।
नीतीश-ममता की भविष्यवाणी सच हुई तो आगे क्या होगा?
मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों में अगर नीतीश कुमार और ममता बनर्जी की भविष्यवाणी सच होती है तो चर्चा यह चल रही है कि लोकसभा चुनाव मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के साथ हो सकते हैं। वैसे तो सरकार ने अभी ऐसी किसी योजना की चर्चा नहीं की है। लेकिन जिस तरह राजनीतिक बयानबाजियां चलने लगीं हैं, वैसी स्थिति में ऐसी परिस्थिति आ जाए तो आश्चर्य नहीं होगा।