बिहार में लोकसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज है। दूसरे उम्मीदवार तो प्रचार कर ही रहे हैं, गुरुवार को पीएम नरेंद्र मोदी भी जमुई पहुंचे। इसी बीच असदुद्दीन ओवैसी (Asduddin Owaisi) की पार्टी AIMIM ने बिहार को लेकर बड़ा निर्णय लिया है। इस निर्णय के दूरगामी असर बिहार की राजनीति पर पड़ने की उम्मीद जताई जा रही है।
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सीमांचल में सिर्फ किशनगंज सीट पर चुनाव लड़ेगी AIMIM
दरअसल, पहले AIMIM ने बिहार में 15 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। इसमें सीमांचल की पांच सीटों के अलावा दूसरी सीटें शामिल थीं। लेकिन AIMIM का कहना है कि वे सीमांचल की 5 में से सिर्फ 1 सीट पर ही चुनाव लड़ेंगे।
AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान का कहना है कि उनकी पार्टी किशनगंज लोकसभा सीट को छोड़कर सीमांचल की अन्य सभी सीटों पर चुनाव नहीं लड़ेगी। उन्होंने बताया कि पार्टी नेतृत्व का यह निर्णय है और इसी के मुताबिक हम आगे बढ़ेंगे।
AIMIM के इस निर्णय से एनडीए को झटका लग सकता है क्योंकि सीमांचल के मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में AIMIM के उम्मीदवारों का उतरना वोटों के बंटवारे का कारण हो सकता था। लेकिन AIMIM के नए फैसले से अब सीमांचल के इलाके में लोकसभा चुनाव का समीकरण बदल सकता है।