लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा ने बिहार में 40 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। भाजपा के इस लक्ष्य को नारा बनाकर उसके सहयोगी भी जीत का दम दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन भाजपा के 40 सीटें जीतने के गुब्बारे में छेद करने की कोशिश भाजपा के टिकट पर ही दो-दो बार चुनाव जीतने वाले दो सांसदों ने शुरू कर दी है। इन दोनों सांसदों की कोशिश है कि वे लोकसभा चुनाव जीतने की हैट्रिक कांग्रेस के टिकट पर करें।
अजय निषाद का बीजेपी से इस्तीफा… ‘मोदी परिवार’ से निकलकर ‘कांग्रेस का हाथ’ पकड़ा
इस कड़ी में पहला नाम अजय निषाद का है जो मुजफ्फरपुर से सांसद हैं। 2014 और 2019 में सांसद का चुनाव जीतने वाले अजय निषाद का टिकट इस बार भाजपा ने काट दिया है। मुजफ्फरपुर से भाजपा ने राज भूषण निषाद को टिकट दिया है। इससे नाराज अजय निषाद ने पहले मोदी का परिवार छोड़ा और फिर कांग्रेस परिवार में शामिल हो गए हैं। संभावना है कि वे कांग्रेस के टिकट पर ही मुजफ्फरपुर से चुनाव लड़ेंगे। यह सीट महागठबंधन में कांग्रेस के खाते में ही गई है।
अजय निषाद के चुनावी कॅरियर की बात करें तो 2014 में भाजपा के टिकट पर वे पहली बार चुनावी मैदान में उतरे। इससे पहले 1996 से 2009 तक उनके पिता जयनारायण प्रसाद निषाद इस सीट से सांसद रहे। 2004 में जॉर्ज फर्नांडीस मुजफ्फरपुर से सांसद बने। इसके बाद 2009 में फिर जय नारायण निषाद जदयू से सांसद बने। लेकिन 2014 में अजय निषाद ने भाजपा को चुनाव और 2.22 लाख वोटों से कांग्रेस के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह को हराकर सांसद बने। 2019 में अजय निषाद की जीत 4.09 लाख वोटों से हुई।
दूसरा नाम छेदी पासवान का है। छेदी पासवान बिहार की सासाराम (सुरक्षित) सीट से लोकसभा सांसद हैं। उन्होंने भी लगातार 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव भाजपा के टिकट पर जीता। लेकिन 2024 में उनका टिकट कट गया है और शिवेश राम को भाजपा ने सासाराम से उम्मीदवार बनाया है। अब छेदी पासवान भी कांग्रेस के फोल्ड में जाने को तैयार हैं। सासाराम सीट भी 2024 के लोकसभा में महागठबंधन की ओर से कांग्रेस के खाते में आई है। हालांकि छेदी पासवान का जाना अभी फाइनल नहीं हुआ है। उनके जाने में रोड़ा मीरा कुमार हैं, जो 2004 और 2009 में सासाराम से सांसद रहीं हैं।
छेदी पासवान का चुनावी करियर पुराना है। वे पहली बार 1989 में सासाराम से सांसद बने। इसके बाद 1991 का चुनाव भी छेदी पासवान ने जीता। दोनों बार छेदी पासवान जनता दल से जीते थे। इसके बाद मीरा कुमार को हराते हुए सासाराम से छेदी पासवान ने 2014 में चुनाव जीता। तब जीत का अंतर 63 हजार वोट था। लेकिन 2019 में छेदी पासवान ने मीरा कुमार को 1.65 लाख वोटों से हराया।