बिहार की हाजीपुर सीट से चिराग पासवान ने एनडीए उम्मीदवार के तौर पर नामांकन कर दिया। इस सीट के लिए चिराग पासवान ने अपना सबकुछ दांव पर भी लगा दिया था। परिवार के लोगों का दबाव भी चिराग को नहीं डिगा सका। चिराग पासवान ने हाजीपुर को अपने पिता की कर्मभूमि बताया है और यहां से लड़ने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी। चिराग पासवान एनडीए का हिस्सा बने और हाजीपुर सीट पर दावा बरकरार रखा। रामविलास पासवान इस सीट से 8 बार सांसद चुने गए और चिराग पासवान ने इसी सीट पर पहली बार नामांकन कर दिया है। चुनाव आगे है लेकिन कम से कम नामांकन में चिराग पासवान राजनीति का ए टू जेड साध लिया।
अब चिराग पासवान ने धरा रौद्र रूप, तेजस्वी को झूठ पर चेतावनी!
चिराग पासवान ने नामांकन से पहले पूजा की और फिर देवी मां के साथ अपनी मां का आशीर्वाद लेकर निकले। पिता को याद करते हुए चिराग पासवान भावुक भी लेकिन अपनी भावनाओं को काबू करते दिखे। जनता से संवाद करते, मीडिया के सवालों का जवाब देते और मजबूत इरादे दिखाते चिराग पासवान ने अपना नामांकन किया है। नामांकन के बाद हुई जनसभा में भी चिराग पासवान का साथ देने वाले नेताओं की फेहरिस्त भी छोटी नहीं थी। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, पूर्व सीएम जीतन राम मांझी, पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन, पूर्व केंद्रीय मंत्री राम कृपाल यादव, सांसद वीणा देवी एक मंच पर खड़े हुए तो जातियां भी सधी, समुदाय भी सधे।
रामा की एंट्री, वीणा का साथ
लोकसभा चुनाव के बीचोबीच चिराग पासवान को उनके पिता के साथ काम कर चुके वैशाली के पूर्व सांसद रामा सिंह लोजपा रामविलास में वापस लौट आए। वैशाली से इस बार चिराग पासवान ने वीणा सिंह को टिकट दिया है। 2019 में रामा सिंह का टिकट काटकर ही वीणा सिंह को पहली बार टिकट दिया गया था। लेकिन चिराग पासवान के नामांकन के बाद हुई जनसभा में इन दोनों की मंच पर मौजूदगी ने बता दिया कि इस बार उम्मीदों के चिराग में हर नकारात्मक याद भस्म हो चुकी है।