लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस दो दशक पुराना इतिहास दुहराना चाहती है। तब भी हालात ऐसे थे कि भाजपा और एनडीए सत्ता में थी। कांग्रेस सत्ता में वापसी की कोशिश कर रही थी। तब पीएम अटल बिहारी वाजपेयी थे। 2004 का वो चुनाव भारतीय चुनावी इतिहास ऐसा चुनाव है, जो कांग्रेस को लगभग 10 साल बाद 10 साल के लिए सत्ता के शीर्ष पर ले आया। कांग्रेस की इस बार भी कोशिश वही है कि वो अपने 10 साल के केंद्रीय सत्ता के वनवास को खत्म कर सरकार बनाए। लेकिन कांग्रेस की स्ट्रेटजी इस बार बदली हुई है। पिछले 20 सालों में तीन चुनाव हुए हैं और चौथा चुनाव जारी है। लेकिन इस बार कांग्रेस इन चारों चुनावों में सबसे कम सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
2004 में 417 सीटों पर लड़ी थी कांग्रेस
कांग्रेस ने 2004 के लोकसभा चुनाव में अटल बिहारी वाजपेयी के तख्त को पलटने के लिए 417 सीटों पर चुनाव लड़ा था। 543 सीटों में कांग्रेस ने अन्य सीटें सहयोगी दलों के लिए छोड़ी थी। 417 सीटों में से 145 सीटें ही जीत सकी। लेकिन उसने सहयोगी दलों की मदद से सरकार बना ली। तब कांग्रेस लोकसभा में सबसे बड़ा दल बन कर उभरी। जबकि भाजपा 138 सीटें पा सकी थी।
2009 में कांग्रेस ने 440 सीटों पर चुनाव लड़ा
2004 की जीत के बाद पांच साल कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए सरकार चली और 2009 में कांग्रेस ने 440 सीटों पर चुनाव लड़ा। इसका फायदा कांग्रेस को हुआ और कांग्रेस को उस चुनाव में 206 सीटें मिल गई। अकेले बहुमत तो कांग्रेस नहीं ला पाई लेकिन 2004 से कहीं बेहतर स्थिति थी। भाजपा उस चुनाव में 116 पर सिमट गई थी।
2014 में पुराना फॉर्मूला हो गया फेल
2004 से अधिक सीटों पर 2009 में चुनाव लड़ना कांग्रेस के लिए बेहतर नतीजे लेकर आया था। लेकिन 2009 से अधिक सीटों पर 2014 में लड़ने के फैसले ने कांग्रेस को सत्ता की गाड़ी से उतार दिया। 2014 में कांग्रेस ने 464 सीटों पर चुनाव लड़ा लेकिन मोदी लहर में कांग्रेस 44 सीटों पर सिमट गई। जबकि भाजपा ने अपने बूते बहुमत प्राप्त किया और 282 सीटें प्राप्त कर लीं।
2019 में कांग्रेस ने कम की सीटें
2014 के झटके ने कांग्रेस को 50 सीटों से भी कम पर ला दिया, जो उसकी राष्ट्रीय इमेज को बार बार धक्का पहुंचा रहा था। कांग्रेस ने 2019 के चुनाव में अपनी सीटें कम की। 2019 में कांग्रेस ने 421 सीटों पर चुनाव लड़ा। इसका खास फायदा नहीं हुआ। कांग्रेस 50 सीटों से उपर तो बढ़ी लेकिन 52 पर ही सिमट गई। दूसरी ओर भाजपा ने 303 सीटें अपने बूते जीत ली।
2024 में सबसे कम सीटों पर लड़ रही कांग्रेस
2024 का लोकसभा चुनाव सीटों के मामले में कांग्रेस और भाजपा दोनों की स्ट्रेटजी बिल्कुल अलग है। एक ओर भाजपा अपने बूते 370 सीटें जीतने और एनडीए को 400 पार सीटें दिलवाने का नारा बुलंद कर रही है। तो दूसरी ओर कांग्रेस सिर्फ 330 सीटों पर ही उम्मीदवार उतार रही है। अन्य सीटें कांग्रेस ने अपने सहयोगियों के लिए छोड़ी हैं। मसलन बिहार में राजद व लेफ्ट, यूपी में सपा, दिल्ली व गुजरात में आम आदमी पार्टी, महाराष्ट्र में शिवसेना उद्धव गुट व एनसीपी शरद गुट के साथ कांग्रेस गठबंधन में है।