लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही सीट बंटवारे के मुद्दे पर महागठबंधन की सहयोगी पार्टी सीपीआई (एमएल) ने नाराजगी जाहिर की है. सीपीआई (एमएल) ने अपनी अराजकता दर्ज कराते हुए अपनी सीट को लेकर महागठबंधन के साथी दलों को मनाने की कोशिश की है, लेकिन इस मामले में वह आगे नहीं बढ़ पा रही है.
सीपीआई (एमएल) महागठबंधन द्वारा प्रस्तावित सीट बंटवारे से असंतुष्ट है. उन्हें अपनी पार्टी के विधायकों की संख्या के आधार पर महागठबंधन द्वारा दी जाने वाली सीटों की संख्या कम लग रही है. उन्होंने दावा किया है कि उनकी पार्टी में 11 विधायक होने के बावजूद उन्हें सिर्फ तीन सीटें मिल रही हैं, जबकि अन्य पार्टियों को औसतन दो से ढाई सीटें मिल रही हैं.
महागठबंधन के घटक दलों के बीच सीटों का बंटवारा तय हो गया है, जिसमें राजद को 28 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का मौका मिला है. कांग्रेस को सात सीटें और सीपीआई और सीपीआई (एम) को एक-एक सीट मिली। इसके बावजूद सीपीआई (एमएल) को सिर्फ तीन सीटें मिली हैं, जिसमें सीवान और कटिहार वह अपनी पार्टी को देने पर अड़ी हुई है.
महागठबंधन के अंदर समझौते की कोशिश की जा रही है, लेकिन सीपीआई (एमएल) की मांगों पर गौर नहीं किया जा रहा है. महागठबंधन के अन्य सदस्यों ने सीपीआई (एमएल) के खिलाफ कड़ा रुख अपना लिया है और सीट बंटवारे में किसी भी तरह की कटौती बर्दाश्त करने को तैयार नहीं हैं.