गया लोकसभा सीट पर एनडीए ने हम सेक्युलर को उम्मीदवार उतारने की अनुमति दी थी। संभावना पहले से ही थी कि गया से खुद पूर्व सीएम जीतन राम मांझी चुनावी मैदान में उतरेंगे। गुरुवार को पार्टी ने इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी। वैसे गया सीट का इतिहास देखें तो एनडीए ही नहीं यहां की जनता का भी मांझी प्रेम खूब उफान पर दिखा है।
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पांच चुनावों से गया लोकसभा सीट पर ‘मांझी’ का कब्जा
पिछले पांच चुनावों से गया लोकसभा सीट पर जो भी उम्मीदवार जीते हैं, उनके नाम में मांझी अवश्य रहा है। 1999 में भाजपा के रामजी मांझी जीते थे। इसके बाद 2004 में राजद के राजेश कुमार मांझी ने जीत दर्ज की। 2009 और 2014 में भाजपा के हरि मांझी को जीत मिली। तो 2019 में जदयू के विजय मांझी सांसद बने। इसमें 2004 छोड़ दें तो पांच में से चार चुनाव एनडीए के उम्मीदवार जीते हैं।
2019 मे 1.52 लाख से हारे थे जीतन राम मांझी
वैसे जीतन राम मांझी पहली बार गया लोकसभा सीट से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। एनडीए के खिलाफ 2019 में गया लोकसभा सीट से जीतन राम मांझी उम्मीदवार बने थे लेकिन उन्हें 1.52 लाख से अधिक वोटों से हार मिली थी। तब जदयू के विजय मांझी 4.67 लाख वोट पाकर जीते थे। इस बार जीतन राम मांझी एनडीए के उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में होंगे और उनका सामना राजद की ओर से पूर्व मंत्री कुमार सर्वजीत से होगा।
28 मार्च को नामांकन करेंगे जीतन राम मांझी
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी 28 मार्च को गया संसदीय (सुरक्षित) सीट से नामांकन दाखिल करेंगे। हम सेक्युलर के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संतोष कुमार सुमन ने बताया कि जीतन राम मांझी गया लोकसभा सीट से हम पार्टी के उम्मीदवार हैं और वे 28 मार्च को नामांकन दाखिल करेंगे। यह निर्णय हम पार्टी की बैठककर लिया गया है।