बिहार की 40 लोकसभा सीट में एक नाम हाजीपुर लोकसभा सीट का भी है। ये सीट हमेशा से ही चर्चाओं में रही है। वजह है यहाँ से लंबे समय तक सांसद रहे दिवंगत नेता रामविलास पासवान। वर्त्तमान समय में भी ये सीट खूब चर्चों में हैं। क्योंकि रामविलास पासवान के निधन के बाद यहाँ पहली बार चुनाव होना है। लेकिन इस सीट को लेकर रामविलास पासवान के भाई और बेटे के बीच ही तलवार खिंची हुई है। मतलब यहाँ की राजनीतिक लड़ाई में पारिवारिक लड़ाई का असर दिखने को मिल सकता है।
रामविलास पासवान ने तोड़े सारे रिकॉर्ड
हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र से सबसे लंबे समय तक रामविलास पासवान सांसद चुने गए। हालांकि इमरजेंसी से पहले तक यहाँ कांग्रेस का दबदबा रहा। लेकिन इमाजेंसी के बाद यहाँ का पूरा सियासी गणित ही बदल गया। 1977 के लोकसभा चुनाव में रामविलास पासवान ने पहली बार यहाँ से जीत हासिल की। उनकी ये जीत ऐतिहासिक बन गई क्योंकि उस समय रामविलास पासवान को 89.3% वोट मिले थे जो लंबे समय तक एक रिकॉर्ड रहा। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उठी सहानुभूति की लहर में 1984 में कांग्रेस की वापसी हुई। लेकिन फिर कांग्रेस यहाँ कभी भी जीत नहीं पाई। 1984 और 2009 में सिर्फ दो बार ही रामविलास पासवान यहाँ चुनाव हारे। 2009 में उन्हें जदयू के राम सुंदर दास ने हराया जो बिहार के मुख्यमंत्री रहे चुके थे। 2019 में रामविलास पासवान ने अपने छोटे भाई पशुपति कुमार पारस के लिए सीट खाली कर दी। पशुपति कुमार पारस ने चुनाव जीता भी।
हाजीपुर में चाचा भतीजे की लड़ाई
रामविलास पासवान के निधन के बाद उनकी राजनीतिक विरासत के लिए लड़ाई छिड़ गई। उनके भाई पशुपति पारस और बेटे चिराग पासवान एक दुसरे के खिलाफ पारिवारिक से लेकर राजनीतिक लड़ाई जग जाहिर है। इसका असर है कि रामविलास पासवान की लोजपा में टूट हो गई। पारस और चिराग ने अपनी अलग-अलग पार्टी बना ली। अब हाजीपुर को लेकर चिराग भी दावा ठोकते है कि ये उनकी पिता की विरासत है इसलिए ये सीट उनके पास होनी चाहिए। वही पशुपति पारस दोबारा से इस सीट पर अपना कब्जा चाहते हैं। उनका तर्क है कि उन्हें खुद ये सीट रामविलास पासवान ने सौंपी है इसलिए ये उनकी है। हालाँकि दोनों ही फ़िलहाल एनडीए का हिस्सा है। फिर भी हाजीपुर को लेकर दोनों के बीच लड़ाई ख़त्म होगी या और बढ़ेगी ये तय नहीं हो पाया है।
हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विधानसभा सीट
अब आपको बताते हैं हाजीपुर के लोकसभा क्षेत्र के अंर्तगत आने वाले 6 विधानसभा सीट के बारे में। जिसमें 3 पर राजद, 2 पर भाजपा और 1 पर कांग्रेस का कब्ज़ा है। हाजीपुर से भाजपा के अवधेश सिंह, लालगंज से भाजपा के संजय कुमार सिंह, महुआ से राजद के मुकेश रौशन, राजा पाकर से कांग्रेस की प्रतिमा कुमारी, राघोपुर से राजद के तेजस्वी यादव और महनार से राजद की बीना देवी विधायक हैं।