लोकसभा चुनाव 2024 में सारण से राजद ने रोहिणी आचार्य (Rohini Acharya) को मैदान में उतारा है। रोहिणी आचार्य की पहचान चुनाव में उम्मीदवार बनने से पहले तक यही रही है कि वे लालू यादव की बेटी हैं। लेकिन अचानक राजद से उनके चुनाव लड़ने की बात को लालू यादव के परिवारवाद से जोड़ा जा रहा है। रोहिणी चुनाव में कैसे आईं, अब इस बात के पीछे का कारण सामने आ गया है।
लालू ने लिया प्रण… संविधान खत्म करने वाले लोग को खत्म कर देंगे
दरअसल, सारण लालू यादव का राजनीतिक किला रहा है। पहली बार लालू छपरा सीट से ही सांसद चुने गए थे, जिसका नाम बाद में सारण हो गया। लालू यादव आखिरी बार सांसद यहीं से चुने गए थे। लेकिन लालू यादव ने 2014 में राबड़ी देवी को उतारा तो वह दांव फेल हो गया। राबड़ी देवी लोकसभा चुनाव हार गईं जो राजद और लालू परिवार के लिए बड़े झटके से कम नहीं था।
तब से अब तक सारण से न लालू परिवार का कोई उम्मीदवार जीता है और न ही राजद का। इसके बावजूद लालू यादव ने अपनी बेटी रोहिणी आचार्य को सारण से टिकट दे दिया। इसके पीछे का कारण लालू यादव ने खुद बताया है। दरअसल, लालू यादव बुधवार, 17 अप्रैल को सारण पहुंचे जहां उन्होंने रोहिणी आचार्य (Rohini Acharya) के पक्ष में प्रचार किया। राजद ने वहां कार्यालय भी खोल दिया है। साथ ही यह भी तय हुआ है कि चुनाव होने तक रोहिणी सारण में ही रहेंगी।
सारण के लोगों की पसंद थीं Rohini Acharya : लालू
इस दौरान सारण में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए लालू यादव ने कहा कि “सारण के लोगों ने मुझे राजनीति में आने की अनुमति दी है और इसलिए उनके प्रति मेरा विशेष स्नेह है। मैं उनका कर्ज कभी नहीं चुका पाऊंगा। सारण के लोगों ने मुझसे परिवार से किसी को उम्मीदवार बनाने का आग्रह किया। यहां के लोगों के साथ एक बैठक हुई और उसी के बाद उन्होंने मुझसे रोहिणी आचार्य (Rohini Acharya) को उम्मीदवार के रूप में चुनने के लिए कहा। मैंने स्वीकार कर लिया और उन्हें सारण से राजद का उम्मीदवार बना दिया।”