लोकसभा चुनाव 2024 के रंग अभी दिखने शुरू हुए हैं। एक ओर पहले फेज के उम्मीदवारों का नामांकन चल रहा है तो दूसरी ओर अन्य फेज के प्रत्याशियों के चयन पर भी विचार चल रहा है। एनडीए में जदयू के लिए पहले फेज में कोई सीट नहीं है। लिहाजा जदयू आगे की प्लानिंग कर रहा है। शनिवार को जदयू ने एक ही तीर से दो शिकार किए। इसमें पहले में मौजूदा सांसद का टिकट काटा तो दूसरे शिकार जदयू को घायल करने वाले उपेंद्र कुशवाहा बने।
सीवान की जदयू सांसद कविता का टिकट कटा
जदयू ने लोकसभा चुनाव 2019 में सीवान सीट पर कविता सिंह को उम्मीदवार बनाया था। कविता सिंह ने अच्छी जीत दर्ज की। लेकिन जदयू ने 2024 के चुनाव के लिए कविता का पत्ता काट दिया है। बताया जा रहा है कि जदयू ने अपने उम्मीदवारों के जातीय समीकरण साधने के लिए ऐसा किया है। जदयू ने पिछली बार एक राजपूत उम्मीदवार उतारा था। तब सीवान से कविता सिंह को टिकट दिया गया था। लेकिन इस बार जदयू ने शिवहर से राजपूत जाति की लवली आनंद को उतारने का निर्णय लिया है। लिहाजा जदयू नेतृत्व के अनुसार दूसरे राजपूत उम्मीदवार की गुंजाइश नहीं है। इसलिए कविता सिंह का टिकट काट कर सामाजिक संतुलन बरकरार रखने की कोशिश की गई है।
कविता सिंह का टिकट तो कट गया, लेकिन सवाल उठता है कि यह सीट जाएगी किस नेता के पास। इसका जवाब भी जदयू ने रमेश कुशवाहा को पार्टी में शामिल कराकर दे दिया है। रमेश कुशवाहा अभी तक उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष थे। लेकिन जदयू ने रमेश कुशवाहा को अपने में मिलाकर पार्टी छोड़कर जाने वाले उपेंद्र कुशवाहा से बदला ले लिया है। साथ ही रमेश कुशवाहा की पत्नी विजयलक्ष्मी कुशवाहा को सीवान से उम्मीदवार बनाना भी तय किया है। जदयू को इस बार काराकाट सीट नहीं मिली है, लिहाजा उसके कुशवाहा नेता महाबली सिंह का टिकट कटा है। विजयलक्षमी को सीवान से टिकट देकर जदयू महिला और कुशवाहा उम्मीदवार दोनों हित एक साथ साधने की कोशिश में है।