लालू यादव को बिहार में यादव और मुसलमान को मिलाकर M-Y समीकरण के सहारे राजनीति का तमगा पहले से हासिल हैं। तेजस्वी यादव आज भले ही ए टू जेड की बात करें, लेकिन बिहार की राजनीति गवाह रही है कि लालू यादव ने मुसलमान और यादव को अपने पक्ष में मिलाकर लंबे वक्त बिहार की सत्ता में अपना महत्व बनाए रखा है। इस बार राजद सुप्रीमो की दो बेटियां चुनावी मैदान में हैं, जिसमें रोहिणी का चुनाव अब एकदम निकट है। सारण सीट से चुनाव लड़ रही रोहिणी के लिए लालू खुद भी छपरा में कैंप कर रहे हैं। इस दौरान लालू अपने समीकरण में और भी जातियों को जोड़ने का दांव भी चल रहे हैं।
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पहले भूमिहार को जोड़ने की कोशिश की
लालू यादव ने रोहिणी की जीत सुनिश्चित करने के लिए टिकटों का समीकरण कांग्रेस के साथ मिलाकर ऐसा किया कि भूमिहार जाति के वोटरों को भी वे आकर्षित कर सकें। इसके लिए महाराजगंज से राजपूत नेता का टिकट काट भूमिहार को दिलवाया। इसमें वे कितना सफल हो पाते हैं, यह आने वाला वक्त बताएगा।
रोहिणी के नॉमिनेशन के दिन पासी पर मेहरबान लालू
यादव, मुसलमान और भूमिहार को साधने के दांव चलने के बाद लालू यादव ने रोहिणी के नॉमिनेशन के बाद हुई सभा में पासी समाज पर मेहरबानी दिखाई। भरे मंच से लालू यादव ने पासी समाज को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोग हमारी सरकार लाइए हम पासी समाज की सभी समस्याएं दूर करेंगे।
अब लालू ने शुरू की लोहार को साधने की कोशिश
अब लालू यादव ने लोहार जाति के वोटों को साधने की कोशिश शुरू कर दी है। रोहिणी के चुनावी क्षेत्र सारण में कैंप कर रहे लालू यादव नेरौजा स्थित राजद के जिला कार्यालय में लोहार जाति के लोगों से मुलाकात की। इस दौरान लालू ने कहा कि “बिहार की लोहार जाति को संवैधानिक अधिकार से वंचित रखा गया है। वर्तमान सरकार ने अनुसूचित जनजाति का दर्जा छीनकर इस समाज को दरकिनार कर दिया। लालू प्रसाद ने आश्वासन दिया कि हम लोहार जाति का हक दिलवा कर रहेंगे।”