बिहार की राजनीति में पूर्व सीएम लालू यादव और उनका परिवार दशकों से सक्रिय है। लालू परिवार की संसदीय राजनीति में एंट्री 1977 में हुई, जब लालू यादव छपरा लोकसभा सीट से चुनाव लड़े और जीते। यह उनका पहला चुनाव था। उसके बाद वे बिहार के मुख्यमंत्री भी बने। 1997 में चारा घोटाला सामने आया तो राबड़ी देवी की एंट्री हुई। 2014 में मीसा भारती की एंट्री हुई तो 2015 में लालू के दोनों बेटों तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव की एंट्री हुई। अभी भी दोनों विधायक हैं। लेकिन लोकसभा में लालू परिवार के किसी सदस्य को पहुंचे 15 साल बीत चुके हैं।
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2009 में लालू ने जीता था आखिरी चुनाव
2009 के लोकसभा चुनाव में लालू यादव ने दो सीटों पर चुनाव लड़ा लेकिन इसमें पाटलिपुत्र सीट से लालू हार गए। हालांकि सारण सीट पर लालू यादव को जीत मिली। लेकिन 2014 का चुनाव आते आते लालू यादव की चुनावी राजनीति से विदाई हो गई। घोटालों को लेकर सजायाफ्ता हो चुके लालू की संसदीय पारी समाप्त होने के बाद राबड़ी देवी ने संसदीय राजनीति में एंट्री ली। लेकिन 2014 के चुनाव में राजीव प्रताप रुडी ने राबड़ी देवी को हरा दिया। पहली बार लालू परिवार से दो सदस्य 2014 के लोकसभा चुनाव में उतरे थे। इसमें सारण सीट से राबड़ी देवी और पाटलिपुत्र सीट से मीसा भारती ने चुनाव लड़ा। लेकिन दोनों हारे।
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2019 में दूसरी बार हारीं मीसा
2014 के चुनाव में हार के बाद राबड़ी देवी ने संसदीय राजनीति से किनारा कर लिया। लेकिन उस चुनाव में हार के बाद भी मीसा भारती लगी रहीं। 2019 में दूसरी बार मीसा भारती ने चुनाव पाटलिपुत्र से लड़ा लेकिन उन्हें फिर हार मिली। 2019 के चुनाव में लालू परिवार से अकेले ही लोकसभा चुनाव में उतरी थी। यह लगातार दूसरा चुनाव था, जब लालू परिवार से कोई सदस्य लोकसभा नहीं पहुंचा।
लालू परिवार से 2024 में फिर दो उम्मीदवार
अब बारी है लोकसभा चुनाव 2024 की, जिसमें एक बार फिर लालू परिवार के दो सदस्य चुनाव में उतर रहे हैं। सीटें वही हैं, जो 2014 में थी। 2014 में सारण से राबड़ी देवी मैदान में थी, 2024 में रोहिणी आचार्य उतरने जा रही हैं। वहीं पाटलिपुत्र सीट से 2014 में भी मीसा भारती थीं और 2024 में भी वही उतरेंगी।