लोकसभा चुनाव 2024 में परिवारवाद की बातें खूब चल रही हैं। भाजपा और एनडीए के दल बिहार में लालू परिवार, यूपी में अखिलेश परिवार, तमिलनाडु में स्टालिन परिवार और कांग्रेस में गांधी परिवार पर हमलावर हैं। तो दूसरी ओर विपक्ष के इन दलों ने परिवारवाद के आरोपों पर भाजपा नेताओं के परिवार की गिनती सबको बता रहे हैं। बिहार में लालू यादव का परिवार पहले से ही राजनीति में रहा है। लालू यादव तो खुद सक्रिय राजनीति में सालों तक रहे हैं। अभी पत्नी राबड़ी देवी के साथ चार बच्चे सक्रिय राजनीति में हैं। दो बेटे विधायक हैं। जबकि दो बेटियां मीसा भारती और रोहिणी आचार्य लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं। दूसरी बार राज्यसभा सदस्य बनीं मीसा भारती का लोकसभा चुनावों में यह तीसरा प्रयास है। पिछले दोनों प्रयास असफल हुए थे। इसके साथ ही इस बार चुनाव में लालू यादव के परिवार के तीसरे सदस्य की भी एंट्री हो रही है, जिनका टिकट अब फाइनल हो गया है।
लालू परिवार के दो सदस्य पहले ही लड़ रहे लोकसभा चुनाव
दरअसल, लालू यादव परिवार के जिस तीसरे सदस्य को लोकसभा चुनाव में टिकट मिल रहा है, वो अखिलेश परिवार के भी सदस्य हैं। लालू यादव के दामाद और अखिलेश यादव के भतीजे तेज प्रताप यादव को कन्नौज से समाजवादी पार्टी उतार रही है। पिछले कई दिनों से कन्नौज में अखिलेश यादव के लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा चल रही थी। लेकिन अब यह तय हो गया है कि उस सीट पर लालू यादव के दामाद तेज प्रताप यादव चुनाव लड़ेंगे।
कन्नौज लोकसभा का इतिहास मुलायम परिवार के मुफीद रहा है। 2019 का चुनाव छोड़ दें तो 1999 से इस सीट पर मुलायम परिवार का ही कब्जा रहा है। 1999 में खुद मुलायम सिंह यादव जीते थे। इसके बाद 2000 में हुआ उपचुनाव अखिलेश यादव ने जीता। 2004 और 2009 का चुनाव भी अखिलेश यादव ने जीता। जबकि 2014 का चुनाव डिंपल यादव ने जीता। लेकिन 2019 में भाजपा के सुब्रत पाठक ने डिंपल यादव को हराकर मुलायम परिवार को झटका दिया। अब मुलायम परिवार की विरासत को वापस लाने के लिए तेज प्रताप यादव को जिम्मेदारी दी जा रही है। तेज प्रताप यादव इससे पहले एक बार मैनपुरी से सांसद रह चुके हैं।