लोकसभा चुनाव 2024 में बात भले ही नई सरकार बनाने की हो रही हो, लेकिन इतिहास बार बार सामने आ रहा है या लाया जा रहा है। भाजपा और एनडीए की कोशिश है कि वे सत्ता की हैट्रिक लगाएं तो मोटे तौर पर विपक्ष की कोशिश है कि केंद्र की सत्ता में बदलाव आए। लेकिन इसके लिए विपक्ष ने लड़ाई के अलग अलग तरीके ढूंढ़े हैं। राहुल गांधी की कोशिश है कि कांग्रेस का 2004 वाला प्रदर्शन दुहरा सकें। जबकि बिहार में लालू यादव की कोशिश है कि वे 2015 वाला दांव चल कर भाजपा को नतमस्तक करा सकें।
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लालू यादव ने लगाया है भाजपा पर संविधान बदलने का आरोप
दरअसल, लालू यादव ने 2015 की तरह ही भाजपा पर हमलावर रुख अपनाया है। 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में आरक्षण संघ प्रमुख मोहन भागवत का समीक्षा संबंधी बयान लालू का हथियार बना था। इसका फायदा भी राजद को मिला। बिहार में जदयू के साथ आरजेडी ने सरकार बना ली थी। इस बार लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के ठीक पहले लालू ने संविधान पलटने की कोशिश का भाजपा पर आरोप लगा दिया है।
लालू प्रसाद यादव ने कहा कि भाजपा के नेता लगातार संविधान बदलने और समाप्त करने की बात कर रहे हैं, ऐसे लोगों के खिलाफ न प्रधानमंत्री और न भाजपा का शीर्ष नेता ही कोई कार्रवाई कर रहा है। उल्टे उन्हें चुनाव लड़वा रहे हैं। संविधान को बदल कर भाजपा इस देश से समता, स्वतंत्रता, बंधुत्व, सामाजिक न्याय और आरक्षण खत्म करना चाहती है। लोगों को आरएसएस और पूंजीपतियों का गुलाम बनाना इनका मकसद है। संविधान की ओर किसी ने आंख उठा कर भी देखा तो इस देश के दलित, पिछड़े और गरीब लोग मिलकर भाजपा नेताओं की आंख निकाल लेंगे।
दूसरी ओर राहुल गांधी की कोशिश है कि जिसतरह 2004 में एनडीए की वाजपेयी सरकार चुनाव में हारी थी, उसी तरह वे 2024 में मोदी सरकार वाली एनडीए को हरा दें। जबकि भाजपा की कोशिश है कि 2014 और 2019 से आगे 2024 में उसे 400 सीटें मिलें।