लोकसभा चुनाव 2024 में आखिरी दौर की वोटिंग 1 जून को होने वाली है। इस वोटिंग के लिए प्रचार का काम 30 मई को समाप्त हो जाएगा। उसके बाद सभी पार्टियों के बड़े नेता फ्री हो जाएंगे। इसके बाद सबको इंतजार होगा 4 जून का, जिस दिन चुनाव परिणाम घोषित किए जाने है। चुनाव के पहले बने इंडी गठबंधन को उम्मीद है कि भाजपा और एनडीए फिसलेंगे। उनका यह भी दावा है कि सरकार इंडी गठबंधन की बनेगी। लेकिन यह इतना आसान नहीं है क्योंकि कई मुश्किलें इस राह में आ सकती हैं। इसलिए सरकार बनने की रुकावटों को दूर करने के लिए 1 जून को इंडी गठबंधन की बैठक होगी।
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भाजपा और एनडीए अगर बहुमत से फिसलते हैं तो इंडी गठबंधन के पास सबसे बड़ी चुनौती आपसी एकजुटता बनाए रखने की होगी। हालांकि मोदी विरोध और भाजपा को हटाने के नाम पर इन दलों में एकता आ सकती है। लेकिन इसके बाद भी समस्याएं और चुनातियां खत्म नहीं होगी। प्रधानमंत्री का उम्मीदवार चुनना सबसे बड़ा पेंच है। चुनाव से पहले सीटों के फार्मूले को लेकर बिना शर्त कांग्रेस ने क्षेत्रीय दलों की बातें तो चुपचाप मान लीं। लेकिन प्रधानमंत्री पद के लिए भी कांग्रेस किसी गैर को मान पाएगी, यह मुश्किल हो सकता है।
1 जून को बैठक दिल्ली में संभावित है। इस बैठक में चुनावी नतीजे की हर संभावना पर विचार किया जा सकता है। जीत की स्थिति में सटीक प्लानिंग पर तो चर्चा होगी ही, ताकि किसी भी जोड़ तोड़ से निबटा जा सके। हालांकि इस बैठक में कौन कौन शामिल होगा और शामिल होने के बाद सबका रुख क्या होगा, यह तो बैठक के बाद ही पता चलेगा।