लोकसभा चुनाव 2024 का आगाज होने से पहले से भी भाजपा ने जो आत्मविश्वास दिखाने की कोशिश की, नतीजे उससे उलटे दिख रहे हैं। अब जब पहले दौर का मतदान हो चुका है, भाजपा को अपनी जमीन खिसकती दिख रही है, यह आरोप है विपक्ष के नेताओं का। जबकि दूसरी ओर भाजपा और एनडीए के नेता यह कहते हुए दिख रहे हैं, कि वे हर हाल में 400 सीट जीतेंगे ही। हालांकि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी रोज अपने भाषणों में भाजपा और एनडीए की सीटें घटा रहे हैं। कभी भाजपा के लिए 200 के पार जाना मुश्किल बताने वाले राहुल गांधी ने पिछले कुछ हफ्तों में यह कहना शुरू किया है कि भाजपा 180 के पार नहीं जाएगी। जबकि बिहार के भागलपुर में तो राहुल गांधी ने यह कह दिया कि भाजपा 150 सीटें भी पार नहीं करेगी। तो ऐसे में सच क्या मानें? क्योंकि भाजपा और एनडीए के नेता तो इसी बिहार में यह कह रहे हैं कि उन्हें पहले फेज में बिहार की सभी 4 सीटें आ रही हैं और वे सभी 40 सीटें जीतेंगे।
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दरअसल, भाजपा पर हमले का मौका विरोधी दलों को इसलिए मिला है कि क्योंकि फर्स्ट फेज में मतदान प्रतिशत कहीं कम हुआ है। नवादा, जमुई, औरंगाबाद और गया में शुक्रवार को मतदान हुआ, जिसमें मतदान प्रतिशत 48.23 फीसदी ही रहा। जबकि 2019 में इन्हीं सीटों पर 53.47 फीसदी रहा था। विपक्ष इसी आंकड़े को लेकर उत्साहित हुआ है। क्योंकि विपक्ष का कहना है कि भाजपा के समर्थकों में जोश नहीं है और 2019 के चुनाव की तरह इस बार भाजपा को लोग वोट नहीं कर रहे हैं।
नवादा लोकसभा चुनाव 2024
अलग अलग सीटों की बात तो सबसे पहले नवादा की बात करते हैं। नवादा में 2024 के चुनाव में 41.50 फीसदी मतदान हुआ है। जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में 49.33 प्रतिशत मतदान हुआ था। यानि मतदान में गिरावट आई है और वो भी 8 फीसदी से अधिक गिरावट हुई है। हालांकि 2014 में नवादा लोकसभा सीट के लिए 52.18 फीसदी वोटिंग हुई थी। 2014 में एनडीए का प्रत्याशी 44.12 प्रतिशत वोट प्राप्त कर जीता था। 2009 के मुकाबले 2014 में 10.56 फीसदी अधिक वोटिंग हुई थी। जबकि 2019 में वोटिंग प्रतिशत 2.45 प्रतिशत कम हुआ था। फिर भी जीत एनडीए के उम्मीदवार की हुई थी।
गया लोकसभा चुनाव 2024
गया लोकसभा सीट की बात करें तो इस बार के चुनाव में यहां भी 4 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है। 2019 में गया सीट पर 56.16 फीसदी मतदान हुआ था। जीता एनडीए का उम्मीदवार था। वहीं 2024 में 52.00 फीसदी मतदान हुआ है। 2014 में गया में 53.92 फीसदी मतदान हुआ था। तब 2009 के मुकाबले मतदान में 2.26 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। हालांकि दोनों चुनाव एनडीए ने ही जीते थे।
जमुई लोकसभा चुनाव 2024
जमुई लोकसभा क्षेत्र में मतदान में गिरावट 5 फीसदी से अधिक आई है। इस बार 50 फीसदी वोटिंग हुई है। जबकि 2019 में 55.21 फीसदी हुई थी। 2019 में 2014 के मुकाबले वोटिंग प्रतिशत 5.24 फीसदी बढ़ा था। दोनों चुनावों में जीत एनडीए उम्मीदवार की हुई थी।
औरंगाबाद लोकसभा चुनाव 2024
औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र में इस बार सबसे कम गिरावट आई है। यहां मतदान प्रतिशत लगभग साढे़ 3 फीसदी गिरा है। 2019 में यहां 53.63 फीसदी मतदान हुआ था। जबकि 2024 में 50 फीसदी मतदान हुआ है। वैसे 2014 के मुकाबले मतदान प्रतिशत लगभग ढ़ाई फीसदी बढ़ा था। 2014 में कुल मतदान 51.19 फीसदी हुआ था। जबकि 2009 में यहां मतदान सिर्फ 43.47 फीसदी हुआ था।