बिहार में लोकसभा चुनाव 2024 के लिए एनडीए के बाद महागठबंधन के दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर सहमति बन गई है। इसमें राजद को 26 सीटें मिली हैं, जबकि कांग्रेस को 9 और वाम दलों को 5 सीटें दी गई हैं। संख्या के साथ सीटों के नाम भी निर्धारित कर दिए गए हैं। इस सीट शेयरिंग में दो बड़े नाम किनारे लग गए हैं। इसमें एक नाम सीमांचल से पप्पू यादव का है तो दूसरा नाम सारण के प्रभुनाथ सिंह और उनके परिवार का है।
पप्पू पूर्णिया पर अड़े थे, राजद ने सीट ही नहीं दी
सीमांचल की पूर्णिया सीट पर कांग्रेस से चुनाव लड़ने के लिए पप्पू यादव ने अपनी पार्टी का विलय कर दिया। कांग्रेस उन्हें यह सीट देने को राजी भी हो गई। लेकिन लालू यादव और राजद ने इसमें खेल कर दिया। राजद ने यह सीट अपने खाते में जोड़ लिया है। इस पर भी कांग्रेस सहमत हो गई है। इस तरह पप्पू यादव का पूर्णिया से टिकट कट गया है क्योंकि राजद ने इस सीट पर बीमा भारती को सिम्बल दे दिया है।
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प्रभुनाथ परिवार से राजद ने किया किनारा
वहीं सारण की महाराजगंज सीट भी सीट शेयरिंग में ऐसे उलझी है कि यहां से पूर्व सांसद रहे प्रभुनाथ सिंह का परिवार लोकसभा की राजनीति में किनारे लगता दिख रहा है। प्रभुनाथ सिंह सजायाफ्ता हो चुके हैं लेकिन 2019 में उनके बेटे रंधीर सिंह को राजद ने महाराजगंज से टिकट दिया था। लेकिन 2024 के चुनाव में यह सीट कांग्रेस के खाते में चली गई है। इस तरह प्रभुनाथ परिवार कम से कम अब राजद के टिकट पर तो चुनाव नहीं ही लड़ सकेंगे। हालांकि प्रभुनाथ सिंह के भाई केदार नाथ सिंह सारण की बनियापुर विधानसभा सीट से राजद के ही विधायक हैं।