राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर इन दिनों महीनों से बिहार की यात्रा पर हैं। कई बार यह लगा है कि प्रशांत किशोर का टारगेट बिहार विधानसभा चुनाव 2025 है। लेकिन लोकसभा चुनाव में भी प्रशांत किशोर की एंट्री हो रही है। प्रशांत किशोर खुद तो चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। लेकिन उनके जनसुराज अभियान के समर्थन में घूम रहे विधान पार्षद सच्चिदानंद राय लोकसभा चुनाव में ताल ठोकने को तैयार बैठे हैं। सच्चिदानंद राय महाराजगंज से चुनाव लड़ेंगे, जहां से भाजपा ने मौजूदा सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल को एनडीए उम्मीदवार बनाया है। महागठबंधन की ओर से सीट कांग्रेस के पास है लेकिन कांग्रेस को वहां उम्मीदवार अब तक नहीं मिला है।
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महाराजगंज से सच्चिदानंद राय भी ठोकेंगे ताल
सच्चिदानंद राय ने महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की घोषणा के साथ ही यह कह दिया है कि उन्होंने अपनी अंतरात्मा की आवाज और महाराजगंज की जनता के दबाव में चुनाव लड़ने का फैसला किया है। यह पहली बार नहीं है, जब सच्चिदानंद राय महाराजगंज लोकसभा की जंग लड़ने का प्रयास कर रहे हैं। 2019 में भी भाजपा की ओर से टिकटों की घोषणा से पहले सच्चिदानंद राय ने प्रयास खूब किया था। उस समय वे भाजपा में ही थे और विधान परिषद के सदस्य भी थे। लेकिन भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया और वे नामांकन नहीं कर सके। इस बार हालात थोड़े अलग हैं। क्योंकि भाजपा से वे 2022 में ही अलग हो चुके हैं।
सच्चिदानंद राय की एंट्री से महाराजगंज लोकसभा चुनाव दिलचस्प हो सकता है। क्योंकि सच्चिदानंद राय भूमिहार हैं और कांग्रेस भी वहां से भूमिहार उम्मीदवार ही उतार सकती है। संभावना है कि अखिलेश प्रसाद सिंह के बेटे आकाश को उतारा जाए, लेकिन नाम घोषित नहीं किया गया है। अगर कांग्रेस भी भूमिहार उम्मीदवार देगी तो महाराजगंज में चुनाव और दिलचस्प हो जाएगा। क्योंकि राजपूत और भूमिहार बहुल इस सीट पर चुनाव रोचक होगा। सच्चिदानंद राय के पास प्रशांत किशोर का साथ है और इन दोनों की जोड़ी ने सारण से एमएलसी चुनाव में अपना उम्मीदवार जिताया हुआ है।