लोकसभा चुनाव 2024 के पहले फेज का नामांकन समाप्त हो चुका है और अब प्रचार ने जोर पकड़ लिया है। बिहार में पहले फेज में चार सीटों पर नामांकन होना है। इसमें दो सीटें एससी कैटेगरी के लिए सुरक्षित हैं। वैसे बिहार में एससी के लिए सुरक्षित सीटों की कुल संख्या 6 हैं, जिन पर पिछले तीन चुनावों में एनडीए का ही दबदबा रहा है। इन 6 सीटों में 1 ऐसी सीट है, जिस पर 2009 में गैर एनडीए उम्मीदवार की जीत हुई थी। बाकि सभी सीटों पर पिछले 3 चुनाव में एनडीए के प्रत्याशी ही जीतते रहे हैं।
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एससी रिजर्व सीटों में पहली सीट है गोपालगंज की। 2008 में परिसीमन के बाद यह सीट एससी के लिए सुरक्षित हो गई। उससे पहले हुए चुनाव में राजद के टिकट पर साधु यादव जीते थे। लेकिन 2009 में एनडीए से जदयू के पूर्णमासी राम जीते। 2014 में जदयू एनडीए का हिस्सा नहीं थी और उस चुनाव में भाजपा के जनक राम जीते। 2019 में जदयू वापस एनडीए में आ गई और जदयू के डॉ. आलोक कुमार सुमन जीते। 2024 के चुनाव में भी गोपालगंज सीट से जदयू के डॉ. आलोक कुमार सुमन एनडीए के उम्मीदवार बनाए गए हैं।
दूसरी सीट हाजीपुर है। जो रामविलास पासवान का गढ़ रही है। जनता पार्टी, जनता दल और लोजपा के उम्मीदवार के रूप में रामविलास पासवान इस सीट से 7 बार सांसद चुने गए हैं। 2009 में रामविलास पासवान लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़े लेकिन एनडीए उम्मीदवार के रूप में जदयू के रामसुंदर दास ने उन्हें हरा दिया। इसके बाद 2014 में रामविलास पासवान और और 2019 में पशुपति पारस इस सीट से जीते। तब वे एनडीए में ही शामिल थे। अभी 2024 के लिए एनडीए ने लोजपा रामविलास के चिराग पासवान को उम्मीदवार बनाया है।
तीसरी सीट है समस्तीपुर, जहां तीन चुनावों से एनडीए का ही कब्जा है। 2004 में यह सामान्य सीट थी, तब यहां से राजद के आलोक कुमार मेहता सांसद बने थे। लेकिन उसके बाद सुरक्षित सीट होने पर 2009 में जदयू के महेश्वर हजारी जीते। 2014 और 2019 में एनडीए के उम्मीदवार के रूप में लोजपा के रामचंद्र पासवान समस्तीपुर से सांसद बने। उनके निधन के बाद हुए उपचुनाव में उनके बेटे प्रिंस पासवान एनडीए उम्मीदवार के रूप में सांसद चुने गए। इस सीट से 2024 के लिए अभी एनडीए ने उम्मीदवार तय नहीं किया। यह सीट एनडीए ने लोजपा रामविलास को दी है।
सुरक्षित सीटों की कड़ी में चौथी सीट सासाराम की है। पिछले दो चुनावों में तो यहां से भाजपा के छेदी पासवान सांसद चुने जाते रहे हैं। लेकिन 2009 में यहां से कांग्रेस की मीरा कुमार को जीत मिली थी। मीरा कुमार 1999 में भी जीतीं थी। लेकिन उससे पहले भाजपा के मुन्नी लाल 1996, 1998 और 1999 का चुनाव जीते थे। 2024 में भाजपा ने छेदी पासवान का टिकट काट कर शिवेश राम को नया उम्मीदवार बनाया है।
वहीं पांचवी सुरक्षित सीट जमुई है, जो पिछले दिनों सर्वाधिक चर्चा में रही। इस सीट पर पहले ही फेज में मतदान होना है। एनडीए ने इस सीट पर इस बार लोजपा रामविलास के अरुण भारती को उम्मीदवार घोषित किया है। 2009 से 2019 तक हुए तीन चुनावों में एनडीए ही जीता है। 2009 में जदयू के भूदेव चौधरी और 2014 व 2019 में चिराग पासवान जीते थे। चिराग पासवान हाजीपुर शिफ्ट हो गए हैं तो यह सीट अरुण भारती को दी गई है। राजद ने यहां से अर्चना रविदास को टिकट दिया है।
बिहार सुरक्षित सीटों में गया लोकसभा सीट भी शामिल है। 2004 में आखिरी बार सीट से गैर एनडीए कोई उम्मीदवार जीता था। तब राजद के राजेश मांझी सांसद चुने गए थे। इसके बाद 2009 और 2014 में भाजपा के हरि मांझी जीते। 2019 में एनडीए के उम्मीदवार के रूप में जदयू के विजय कुमार मांझी जीते। 2024 में एनडीए ने यह सीट हम सेक्युलर को दे दी है, जिससे पूर्व सीएम जीतन राम मांझी चुनाव लड़ रहे हैं। उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाले बिहार सरकार के पूर्व मंत्री कुमार सर्वजीत राजद से हैं।