लोकसभा चुनाव 2024 में एनडीए ने सबसे मुश्किल बिहार में सीट शेयरिंग का मुद्दा सुलझा लिया है। मुश्किल इसलिए क्योंकि भाजपा उम्मीदवारों की दो सूचियों में बिहार की कोई सीट शामिल नहीं थी। लेकिन अब एनडीए में मामला सुलझता दिख रहा है। इसमें बड़ी जीत नीतीश कुमार की दिख रही है। क्योंकि 2022 में एनडीए छोड़कर जाने और 2024 में लौट आने का कोई खास खामियाजा जदयू को नहीं उठाना पड़ रहा है। भाजपा के साथ नीतीश कुमार और जदयू ने वापसी अपनी शर्तों पर पूरा किया है। सीट शेयरिंग में जदयू को सम्मानजनक स्थिति में रखा गया है। खास बात यह है कि भाजपा ने अपने सभी सहयोगियों को सम्मान देने की कोशिश की है। या फिर भाजपा ने अपने सहयोगियों की न्यूनतम जरुरत को पूरा किया है। हालांकि इसमें पशुपति पारस का पत्ता कट गया है। लेकिन अन्य चारों सहयोगी यानि नीतीश कुमार, चिराग पासवान, उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी की पार्टी को लोकसभा चुनाव में हिस्सेदारी दी गई है।
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भाजपा 17 सीटों पर लड़ेगी चुनाव
नीतीश कुमार के एनडीए में आने का सबसे बड़ा खामियाजा भाजपा को उठाना पड़ रहा है। दरअसल, नीतीश कुमार के एनडीए में आने से पहले तक यह माना जा रहा था कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा 30 से 32 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। लेकिन नीतीश कुमार के एनडीए में घर वापसी के बाद हालात बदल गए। भाजपा 17 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए मान गई है। 2019 में भी भाजपा ने 17 सीटों पर ही चुनाव लड़ा था और सभी सीटें जीती थी। इस बार भी भाजपा 17 सीटों पर ही चुनाव लड़ेगी।
नीतीश को एक सीट का नुकसान
2019 के लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी 17 सीटों पर लड़ी थी। भाजपा और जदयू के खाते में तब बराबर सीटें थी। इसमें जदयू 1 सीट हार गई थी और उसके 16 सांसद जीते थे। लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा ने नीतीश कुमार की पार्टी जदयू को 16 सीटें देने का निर्णय लिया है। हालांकि ये सीटें कौन सी होंगी यह तय नहीं है।
चिराग को 5, मांझी-कुशवाहा को 1-1 सीट
एक तरफ नीतीश कुमार को 16 सीटें दी गईं हैं तो चिराग पासवान की पार्टी को पांच सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका भाजपा ने दिया है। चिराग की पार्टी ने पिछले चुनाव में 06 सीटों पर चुनाव लड़ा था। लेकिन पशुपति पारस के अलग होने के बाद भाजपा ने चिराग को 5 सीटों पर मना लिया है। चिराग पासवान की संभावित सीटें हाजीपुर, वैशाली, जमुई, नवादा और खगड़िया हो सकती हैं। वहीं जदयू छोड़कर अलग दल बनाने वाले उपेंद्र कुशवाहा का भी एडजस्टमेंट एनडीए में हो गया है। उन्हें 1 सीट दी जा रही है। संभवत: उस सीट पर उपेंद्र कुशवाहा खुद काराकाट से चुनाव लड़ेंगे। कुशवाहा काराकाट से सांसद रह भी चुके हैं। वहीं जीतन राम मांझी की पार्टी को भी एक सीट देने का निर्णय लिया गया है। संभवत: इस सीट पर मांझी खुद गया से चुनाव लड़ेंगे।