राजद ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए टिकटों का बंटवारा शुरू कर दिया है। औरंगाबाद, गया, जमुई, बक्सर, उजियारपुर, जहानाबाद, नवादा समेत कई सीटों पर लालू यादव ने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। लेकिन कई सीटें ऐसी हैं, जहां मामला उम्मीदवारों के चयन नहीं होने के कारण फंसा हुआ है। इसी में एक सीट है पाटलिपुत्र लोकसभा सीट। यह सीट ऐसी है कि यहां से लालू परिवार हारता रहा है। 2009 में लालू हारे और 2014, 2019 में मीसा भारती। इसके बाद भी लालू यादव की बड़ी बेटी 2024 में भी पाटलिपुत्र सीट से लड़ने की दावेदार हैं। जबकि दानापुर राजद विधायक रीतलाल यादव ने भी इस सीट से दावा ठोक दिया है। अब देखना यह है कि लालू यादव इस बार मीसा को उम्मीदवार बनाते हैं तो रीतलाल यादव क्या करेंगे? क्या वे लालू यादव की बात मान चुनाव लड़ने का विचार छोड़ देंगे या रामकृपाल यादव की तरह बगावत कर चुनावी समर में उतर जाएंगे।
Saran Loksabha : लालू से हारे, राबड़ी को हराया, अब रोहिणी का क्या होगा?
2009 में मान गए थे रामकृपाल, 2014 में नहीं माने
पाटलिपुत्र लोकसभा सीट भी 2008 में अस्तित्व में आई। तब रामकृपाल यादव राजद में थे और पाटलिपुत्र लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे। लेकिन लालू यादव खुद दो सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते थे, जिसमें सारण के अलावा दूसरी सीट पाटलिपुत्र की थी। तब लालू यादव की खातिर रामकृपाल ने चुनाव नहीं लड़ा। हालांकि लालू यादव वो चुनाव सारण से तो जीत गए लेकिन पाटलिपुत्र से हार गए। इसके बाद बारी आई 2014 के लोकसभा चुनाव की। इस बार लालू यादव चुनावी मैदान से डिस्क्वालिफाई हो चुके थे तो उनका जगह लेने की कोशिश उनकी बेटी मीसा भारती ने की। रामकृपाल उस चुनाव में भी राजद से लड़ना चाहते थे। लेकिन मीसा भारती को आगे आता देख रामकृपाल का धैर्य जवाब दे गया और वे भाजपा के टिकट पर पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से चुनावी समर में कूद पड़े। रामकृपाल ने मीसा को हराया और केंद्र में मंत्री बने।
2019 में भी पाटलिपुत्र लोकसभा सीट पर रामकृपाल से हारीं मीसा
2009 में लालू यादव जदयू के रंजन यादव से 23 हजार वोटों से हारे थे। इसके बाद 2014 में रामकृपाल यादव ने मीसा भारती को 40 हजार वोटों से हराया। 2019 में फिर मीसा भारती चुनाव लड़ीं और रामकृपाल यादव से ही 39 हजार वोटों से हारीं।
2024 में उम्मीदवार पर फिर फंसा है पेंच
लोकसभा चुनाव 2024 में पाटलिपुत्र सीट पर एक बार फिर उम्मीदवार के नाम पर राजद में पेंच फंस गया है। इस सीट पर राजद के दानापुर विधायक रीतलाल यादव और मनेर से राजद विधायक भाई वीरेन्द्र की भी दावेदारी है। तो दूसरी ओर माले की पाटलिपुत्र लोकसभा सीट पर दावेदारी पेश कर रही है। इस बीच रीतलाल यादव ने कहा है कि पाटलिपुत्र की सीट भाई-बहन के बीच फंसी हुई है। बहन चाह रही है कि भाई फैसला ले और भाई चाह रहा है बहन फैसला ले। बहन का फैसला मेरा फैसला होगा, इसके बाद तीसरा कोई नहीं होगा इसमें।