बिहार में भोजपुरी गायक पवन सिंह ने काराकाट सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में प्रचार शुरू कर दिया है। पवन भाजपा से जुड़े रहे हैं और काराकाट में भाजपा का गठबंधन आरएलएम से है, जिसके उम्मीदवार उपेंद्र कुशवाहा हैं। इसके बावजूद पवन सिंह की दावेदारी पर अब तक बचती आ रही भाजपा ने भी अब पवन सिंह से पीछा छुड़ाने की शुरुआत कर दी है। आरा लोकसभा सीट पर भाजपा के उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने कह दिया है कि पवन सिंह नहीं माने तो पार्टी से बाहर होंगे।
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आरके सिंह ने कहा कि “पवन सिंह अगर काराकाट से चुनाव लड़ते हैं तो वे राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, बिहार प्रभारी विनोद तावड़े और प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी से पार्टी से निष्कासित करने का अनुरोध करेंगे। इसके लिए हमने दबाव बनाया हुआ है।” मंत्री ने यह भी कहा कि “उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ जो भी खड़ा होगा वह एनडीए का विरोधी होगा और नरेंद्र मोदी का विरोधी है। उपेंद्र कुशवाहा जीतेंगे तो नरेंद्र मोदी का हाथ मजबूत होगा। यह हमारा ही नहीं यह हमारी पार्टी का मानना है। या पवन सिंह बैठ जाएं, नहीं तो उन्हें पार्टी से निष्कासित करना उचित होगा। यही हमारी पार्टी का फैसला है।”
आरके सिंह के इस बयान के बाद अब गेंद पवन सिंह के पाले में है कि वे क्या करेंगे। भाजपा ने उन्हें चुनाव लड़ने का आसनसोल से मौका दिया था। लेकिन तब वे पीछे हट गए। इसके बाद वे बिहार में काराकाट सीट पर अड़ गए। जबकि वहां से एनडीए के प्रत्याशी उपेंद्र कुशवाहा के नाम की घोषणा पहले ही हो चुकी है।