लोकसभा चुनाव 2024 में कई नए रिकॉर्ड बनते नजर आए हैं। उत्तर प्रदेश से समाजवादी पार्टी के दो युवा प्रत्याशी पुष्पेंद्र सरोज और प्रिया सरोज ने सबसे कम उम्र के सांसद बनने का गौरव हासिल किया, जबकि द्रमुक के टीआर बालू सबसे बुजुर्ग सांसद बने हैं। बेंगलुरु ने अपनी पहली महिला सांसद को चुना है, जबकि गुजरात में कांग्रेस ने 10 साल के लंबे अंतराल के बाद वापसी की है। चुनावी नतीजों ने कई अनोखे तथ्य उजागर किए हैं, जो भारतीय राजनीति में नए आयाम जोड़ते हैं।
सपा के दो प्रत्याशी बने सबसे कम उम्र के सांसद
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के दो उम्मीदवार, पुष्पेंद्र सरोज और प्रिया सरोज, 25 साल की उम्र में सबसे कम आयु के लोकसभा सदस्य बन गए हैं। वहीं, द्रमुक के टीआर बालू (82) सबसे बुजुर्ग सांसद बने हैं। इस बार 80 वर्ष से अधिक उम्र के 11 उम्मीदवारों और 25-30 वर्ष आयु वर्ग के 537 प्रत्याशियों ने लोकसभा चुनाव लड़ा था। इससे पहले भी 25 से 30 वर्ष की आयु के उम्मीदवार लोकसभा का चुनाव लड़ते आए हैं।
बेंगलुरु को मिली पहली महिला सांसद
देश के आईटी केंद्र के रूप में चर्चित बेंगलुरु का प्रतिनिधित्व पहली बार लोकसभा में एक महिला करेगी। बेंगलुरु उत्तर लोकसभा सीट से भाजपा की उम्मीदवार एवं केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने कांग्रेस प्रत्याशी एमवी राजीव गौड़ा को 2,59,476 मतों से हराया है। करंदलाजे (57) ने लंबे समय से पार्टी का गढ़ रहे बेंगलुरु उत्तर से भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। इससे पहले पार्टी के नेता डीवी सदानंद गौड़ा इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।
गुजरात में 10 साल बाद कांग्रेस की वापसी
कांग्रेस ने गुजरात में एक दशक से चला आ रहा अपना सूखा समाप्त किया और गेनीबेन ठाकोर ने बनासकांठा लोकसभा सीट से 30,000 से अधिक मतों से जीत दर्ज की। गुजरात में कांग्रेस को 2014 और 2019 के आम चुनावों में एक भी सीट नहीं मिली थी और भाजपा ने सभी 26 सीटों पर कब्जा कर लिया था। 26 लोकसभा वाले इस राज्य में इस बार भाजपा को 25 सीटें मिली हैं, जबकि ठाकोर ने बनासकांठा सीट पर कांटे की टक्कर में भाजपा की रेखा चौधरी को 30,406 वोटों से हराया