बिहार की काराकाट लोकसभा सीट का अस्तित्व पुराना नहीं है। 2009 में यहां पहली बार चुनाव हुए। अब तक तीन चुनाव हो चुके हैं और चौथी बार 2024 में चुनाव हो रहा है। इस सीट पर इस बार अधिक चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि भोजपुरी गायक और हीरो पवन सिंह ने यहां से राजनीतिक यात्रा शुरू करने का मन बनाया है। पवन सिंह ने गुरुवार को महादेव का दर्शन कर नामांकन दाखिल किया है। हालांकि अब तक के रिकॉर्ड के मुताबिक यह सीट उपेंद्र कुशवाहा के पक्ष में है।
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दरअसल, काराकाट सीट पर अब तक हुए तीन चुनावों में दो नेताओं को जीत मिली है। इसमें महाबली सिंह दो बार जीते हैं। जबकि एक बार उपेंद्र कुशवाहा जीते हैं। इसके अलावा इस सीट पर एनडीए का उम्मीदवार ही हर बार जीता है। 2009 और 2019 में महाबली कुशवाहा सिंह एनडीए के उम्मीदवार के रूप में जीते। 2014 में उपेंद्र कुशवाहा एनडीए के उम्मीदवार के रूप में जीते। 2014 में महाबली सिंह तीसरे नंबर पर खिसक गए थे। 2024 में एनडीए के उम्मीदवार उपेंद्र कुशवाहा है, यह पहला कारण है कि उनका पलड़ा भारी है।
संयोग फैक्टर में भी उपेंद्र कुशवाहा आगे हैं। काराकाट की जनता ने 2009 में में महाबली को जिताया। इसके बाद 2014 में उपेंद्र कुशवाहा जीते। 2019 में फिर महाबली सिंह जीते। तो संयोग को आधार मानें तो एक बार फिर उपेंद्र कुशवाहा का पलड़ा भारी है।
लेकिन पवन सिंह की एंट्री ने सारे तिकड़म और रिकॉर्ड को एकतरफ करते हुए स्टारडम चुनाव वाला माहौल काराकाट में बना दिया है। पवन सिंह के रोड शो की भीड़, दो कुशवाहा उम्मीदवारों के बीच निर्दलीय राजपूत उम्मीदवार की एंट्री कहानी का अलग पक्ष दिखा रही है। हालांकि अभी पवन सिंह और महागठबंधन उम्मीदवार राजाराम सिंह कुशवाहा ने नामांकन भरा है। लड़ाई जारी है और नतीजा 4 जून को ही आएगा।