उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लाने पर जोर दे रहे हैं वहीं अब उत्तर प्रदेश की सरकार भी इसमें शामिल हो गई है। यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने पुष्टि की कि योगी सरकार भी राज्य में समान नागरिक संहिता लाने पर विचार कर रही है। मौर्य ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सभी को समान नागरिक संहिता की मांग का स्वागत करना चाहिए। उत्तर प्रदेश सरकार भी इस दिशा में सोच रही है। उन्होंने कहा हम इसके पक्ष में हैं और यह यूपी और देश के लोगों के लिए जरूरी है। यह भी भाजपा के मुख्य वादों में से एक है।
समान नागरिक संहिता की आवश्यकता
वहीं उत्तराखंड के सीएम धामी ने पिछले हफ्ते कहा था कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता शुरू करने की दिशा में पहला कदम उठाया गया है क्योंकि राज्य मंत्रिमंडल ने इसका मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति गठित करने को हरी झंडी दे दी है। उन्होंने कहा हमें समान नागरिक संहिता की आवश्यकता है क्योंकि हम दो देशों के साथ अपनी सीमा साझा करते हैं।
उत्तराखंड एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक केंद्र
उत्तराखंड के हर परिवार में सशस्त्र बलों में कोई न कोई है। उत्तराखंड एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक केंद्र भी है। उत्तराखंड सीएम मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सभी के लिए समान कानून की प्रयोज्यता में समानता लाएगा। उन्होंने कहा भारत के संविधान का अनुच्छेद 44 राज्य सरकारों को यूसीसी लागू करने का अधिकार देता है। अनुच्छेद 44, जो भारतीय संविधान के राज्य नीति के निदेशक सिद्धांतों का हिस्सा है जो कहता है कि राज्य भारत के पूरे क्षेत्र में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता ला सकता है।