वो कहते है ना अपनों के दिए हुए कुछ घाव जिंदगी भर नहीं भरते। ऐसा ही कुछ हाल बिहार की राजनीति में भी देखने को मिल रहा है, जहां सीएम नीतीश की दिए हुए कुछ घाव को मांझी भुलाये नहीं भूल पा रहे हैं। उन्हें जब भी मौका मिल रहा है वो खुले मंच से सीएम नीतीश पर कटाक्ष कर निकल जा रहे है। उनके इस रवइए से सीएम नीतीश भी परेशान हैं।
दरअसल, हमेशा नीतीश की तारीफ करने वाले मांझी पुरानी बातों के सहारे जेडीयू पर लगातार हमलावर हो गए है। अभी कुछ दिन पहले ही मांझी ने मंच से लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि महागठबंधन में मांझी जब नीतीश कुमार के साथ थे तब नीतीश कुमार ने उन पर पार्टी को जदयू में विलय करने का दबाव बनाया था। तब मांझी महागठबंधन छोड़कर एनडीए के साथ आ गए थे। आज मांझी खुद एनडीए सरकार में केंद्रीय मंत्री हैं।
वहीं, जदयू और बीजेपी के नेता जीतन राम मांझी के बयान से अनभिज्ञता जाहिर कर रहे हैं। जदयू के विधायक डॉ संजीव का कहना है उन्होंने इस तरह का बयान क्यों दिया यह तो वही बता सकते हैं। मंत्री बनने के बाद आखिर इस तरह का बयान देने का क्या मतलब है? वहीं भाजपा के मंत्री प्रेम कुमार का कहना है क्या अंदरूनी मामला है? इसको मांझी जी ही बेहतर बता सकते हैं।