गया में इंडी गठबंधन की ओर से प्रतिरोध मार्च निकाला गया। यह मार्च बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर निकाला गया था। ऐसे में तक तरफ जहां विपक्ष मार्च के दौरान हमलावर दिखा, तो वहीं NDA दल की तरफ से उनके आरोपों का पलटवार किया गया। इस बीच बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी एक कहानी सुनाते हुए लालू परिवार पर तंज कसा।
मांझी ने कहा कि RJD को कानून व्यवस्था के मसले पर बोलने का कोई हक ही नहीं है। मैं 1980 से विधायक हूं। कांग्रेस और लालू-राबड़ी राज को बेहद नजदीक से देखा हूं। उस समय एक अणे मार्ग में पीड़ित और अपराधी को बुलाया जाता था। समझौता होता था। कहा जाता था कि यही अपराधी हैं, यह भूखे हैं। इन्हें कुछ दे दीजिए, तो मामला शांत हो जाएगा।
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने बताया कि लालू-राबड़ी राज में एक डॉक्टर का अपहरण हुआ। डाॅक्टर के परिजन और हमलोग भी परेशान हुए। गुहार लगाने डाॅक्टर का परिवार एक अणे मार्ग पहुंचा। वहां किडनैपर पहले से बैठा था। फिर दोनों पक्ष में समझौता हुआ। अपराधी 12 लाख मांग रहे थे, एक अणे मार्ग में 5 लाख में सौदा तय हुआ। इसके बाद डॉक्टर का रेस्क्यू एक अणे मार्ग से हुआ।
वहीं, उन्होंने नीतीश सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि अब ऐसा नहीं होता। अब अपराध होता है, तो कार्रवाई भी होती है। अब न तो किसी को फंसाया जाता है और न ही बचाया जाता है। बावजूद कोई बोले तो यह उनकी थेथरई है। उन्हें कानून व्यवस्था पर बोलने का कोई हक नहीं है। मुझे नहीं लगता है कि प्रदेश की कानून व्यवस्था पटरी से उतर गई है।