बिहार में 2025 के चुनाव से पहले एनडीए गठबंधन में सबकी निगाहें नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर ही टिकी है। अभी दो दिन पहले नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की मुलाक़ात पर बिहार से दिल्ली तक हलचल मच गई थी। सियासी हलकों में एकबार फिर से नीतीश कुमार के पाला बदलने की चर्चाएं तेज हो गई। इस बीच बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, 2 दिन बिहार के दौरे पर हैं। उनके दौरे के कई राजनैतिक और कूटनीति के मायने निकाले जा रहे हैं।
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने पटना पहुंचते ही सबसे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके आवास जाकर मुलाकात की। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जगत प्रकाश नड्डा की ये मुलाकात करीब 25 मिनट तक चली सीएम आवास में चली। उनके साथ भाजपा के कई मंत्री भी थे। बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और जदयू के राज्यसभा सांसद संजय झा भी मौजूद रहे। इस मुलाकात के दौरान जेपी नड्डा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ ही जलपान किया। नीतीश कुमार ने भी जेपी नड्डा का गर्म जोशी से स्वागत किया।
नीतीश को इग्नोर करने के मूड में नहीं
दरअसल, इस मुलाकात को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समर्थन के बल पर केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार है। वहीं, हाल ही में तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार की आमने-सामने की एक मुलाकात भी हुई थी। इस मुलाकात को लेकर बिहार के राजनीतिक गलियारे में कई तरह की चर्चा शुरू हो गई। हालांकि यह मुलाकात सूचना आयुक्त की नियुक्ति को लेकर हुई। लेकिन भाजपा किसी तरह से कोई रिस्क लेने के मूड में नजर नहीं आती है। वह इस बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जरा भी इग्नोर करने के मूड में नहीं है।
‘जेपी नड्डा जी ! हाथ जोड़ रहे हैं, गिरिराज सिंह को बांग्लादेश भेज दीजिये…’
इधर नीतीश कुमार ने भी पटना IGIMS में क्षेत्रीय नेत्र संस्थान के उद्घाटन के मौके पर जेपी नड्डा के सामने ही स्पष्ट कर दिया कि वह अब कहीं इधर-उधर नहीं जायेंगे. सीएम ने कहा कि 2005 से पहले स्वास्थ्य की हालात खराब थी। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रति माह 39 मरीज आते थे। हमलोग आए तो अस्पताल में मुफ्त दवा की व्यवस्था करवाई गई। अब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 11 हजार से ज्यादा मरीज आते हैं। अब बताइए पहले क्या करते थे वो लोग? हमसे गलती हुई कि हम दो बार उधर चले गए।