छपरा के पूर्व विधायक और राजद की ओर से महाराजगंज लोकसभा का चुनाव लड़ चुके रणधीर सिंह अब राजद से अलग हो गए हैं। रणधीर सिंह ने मंगलवार, 14 मई को पटना में जदयू कार्यालय में आकर पार्टी की सदस्यता ले ली। उन्होंने 4 मई को ही ऐलान किया था कि वे 14 मई को जदयू में शामिल होंगे। इसी शेड्यूल के मुताबिक रणधीर सिंह की ज्वाइनिंग हुई। लेकिन एक बार फिर इस दौरान केदार सिंह ने जदयू की सदस्यता नहीं ली।
Breaking : नीतीश के साथ आए प्रभुनाथ सिंह के बेटे रणधीर सिंह
रणधीर सिंह के चाचा राजद से हैं विधायक
केदार सिंह राजद के विधायक हैं और पहले से वे रणधीर सिंह के जदयू ज्वाइन करने पर नाराज बताए जा रहे थे। हालांकि अभी तक परिवार से किसी ने कुछ नहीं कहा है। रणधीर सिंह के चाचा व बनियापुर से विधायक केदार नाथ सिंह की गैरमौजूदगी को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या रणधीर सिंह के फैसले के साथ केदार सिंह हैं या वे राजद के ही साथ रहेंगे?
केदार सिंह ने महाराजगंज से रणधीर के टिकट कटने पर भी खुलकर कुछ नहीं कहा, बल्कि लालू यादव के बचाव का ही प्रयास किया था। इसके बाद रणधीर सिंह के राजद से इस्तीफा देने पर भी केदार सिंह सामने नहीं आए। अब जब रणधीर सिंह पार्टी में शामिल हो गए हैं, तो भी केदार सिंह उनके साथ नहीं दिख रहे। वैसे तो प्रभुनाथ सिंह के परिवार में अभी तक कोई ऐसी टूट नहीं हुई है। लेकिन यह मौका ऐसा है जब निर्णय लेने के लिए प्रभुनाथ सिंह फ्रंट पर नहीं हैं। वे जेल में बंद हैं और फैसले उनके बेटे रणधीर सिंह ले रहे हैं। ऐसे में प्रभुनाथ सिंह की गैरमौजूदगी में उनका परिवार के मत में बिखराव आ जाए, ऐसी आशंका से इनकार तो नहीं किया जा सकता।
हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि केदार सिंह बाद में राजद छोड़ सकते हैं। अभी उनके राजद छोड़ जदयू में आने से उनकी विधानसभा सदस्यता खतरे में पड़ सकती है। हालांकि बिहार में अभी नीलम देवी, चेतन आनंद, प्रहलाद यादव जैसे विधायक भी हैं, जो जीते तो राजद से हैं लेकिन समर्थन नीतीश कुमार का कर रहे हैं। ऐसे में प्रभुनाथ सिंह के परिवार में टूट होगी या सब एकजुट रहेंगे, यह आने वाला वक्त बताएगा।