भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह बिहार के राजस्व और भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच शुरू से रही है कि सभी राज्यों के विकास के बिना विकसित भारत का सपना पूरा नहीं किया जा सकता है। इसी सोच का परिणाम है कि केंद्र की मोदी सरकार ने बिहार के लिए खजाना खोल दिया है। मोदी 1.0 और मोदी 2.0 की तरह ही मोदी 3.0 के शुरुआती 100 दिनों में ही एनडीए के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने बिहार की प्रगति और विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता साबित कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 जून को तीसरी ब प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी।
मोदी 3.0 सरकार के 100 दिन पूरा होने पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पेश किए गए भारत के बजट में बिहार को 58,900 करोड़ रुपए की राशि आवंटित कर यह पुष्टि कर दी कि बिहार का विकास केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता का एक हिस्सा है। इसी तरह बिहार को संघ करों और शुल्कों की नेट प्रोसीड्स में कुल लगभग 1,25,444 करोड़ रुपये मिले है। यही नहीं आंकड़ों पर गौर करें तो बिहार को पूंजीगत व्यय/निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता के अंतर्गत 2023-24 में 8,814 करोड़, 2022-23 में 8,455 करोड़, 2021-22 में 1,246 करोड़, 2020-21 में 843 करोड़ जारी किया गया था, जो बिहार के विकास में मील का पत्थर साबित हो रहा है।
उन्होंने कहा कि माना जाता है कि किसी भी प्रदेश का विकास वहां की सड़कों से मापा जा सकता है। आम बजट में बिहार को विकास की मार्ग पर तीव्र गति से अग्रसर करने के लिए तीन एक्सप्रेस-वे को मंजूरी दी गई है। सड़क परियोजनाओं के लिए 26 हजार 710 करोड़ रुपए की स्वीकृति केंद्र द्वारा की गई है, जो अब तक की सर्वाधिक राशि है। पटना में 2007 करोड़ रुपये लागत की 13 किलोमीटर एलिवेटेड सड़क को स्वीकृति दी है। भागलपुर में गंगा पर 2549 करोड़ रुपये की लागत से 26 किमी लंबी विक्रमशिला- कटरिया न्यू डबल लाइन के साथ ब्रिज की मंजूरी मिली है।
इसके अलावा अंतर्गत पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस-वे, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेस-वे, बोधगया- राजगीर-वैशाली- दरभंगा एक्सप्रेस-वे के साथ साथ बक्सर में गंगा पर एक और दो लेन पुल का निर्माण होगा। बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर पर खास ध्यान दिया गया है जिसके तहत नए हवाई अड्डों, नए अस्पतालों (कम से कम दो नए मेडिकल कॉलेज), नई खेल संरचनाओं के विकास के लिए पैसा मिलेगा। यही नहीं बिहार को स्वावलम्बी बनाने तथा रोजगार व स्व-रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए गया, भागलपुर और पटना में टेक्सटाइल इंडस्ट्री को कैबिनेट द्वारा मंजूरी दी गई।
बिहार में रोजगार केंद्र और प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। केंद्र सरकार ने 28000 करोड़ की लागत से 1670 एकड़ भूमि में इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई जिससे 10 लाख से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। यही नहीं बिहार को संस्कृति एवं अध्यात्म के विश्व पटल पर स्थापित करने का प्रयास हिन्दू, जैन एवं बौद्ध धर्म से जुड़े राजगीर के धार्मिक स्थलों के विकास और गया में विष्णुपद मंदिर और महाबोधि मंदिर कॉरिडोर के माध्यम से किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा बिहार में विरासत के जरिए अब रोजगार का रास्ता खुलेगा। शिक्षा के क्षेत्र में प्राचीनतम नालंदा विश्वविद्यालय के गौरवशाली इतिहास की पुनर्स्थापना के लिए एनडीए सरकार दृढ़संकल्पित है और नालंदा के इतिहास से प्रेरणा लेकर प्रदेश में शिक्षा की नयी क्रांति लाने के लिए कटिबद्ध है। 1600 साल बाद प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नालंदा यूनिवर्सिटी के कैंपस का शुभारंभ किया। इसके जरिये नालंदा को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जायेगा एवं नालंदा विश्वविद्यालय के गौरवशाली इतिहास की पुनर्स्थापना होगी।
बिहार भाजपा के अध्यक्ष डॉ. जायसवाल ने कहा कि इसी कड़ी में पीएम उषा योजना के तहत बिहार के 19 जिलों के कॉलेजों को विशेष मदद मिलेगी। यही नहीं स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी बिहार के आमजनों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा जी के नेतृत्व में 5 अस्पतालों का उद्घाटन किया गया। दरभंगा एयरपोर्ट के लिए 918 करोड़ रुपये, बिहटा में एयरपोर्ट के निर्माण लिए 1413 करोड़ रुपये मंजूर किया गया है। स्थानीय यातायात को भी सुलभ बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा पटना, गया, भागलपुर, वैशाली, राजगीर और पूर्णिया जिले में 400 इलेक्ट्रिक बसें दी जाएंगी।
प्रदेश के चौमुखी विकास के लिए प्रतिबद्ध एनडीए सरकार बिहार के अलग-अलग रूटों पर नए वंदे भारत एक्सप्रेस, वंदे भारत स्लीपर और अमृत भारत ट्रेनों का परिचालन करेगी। डॉ. जायसवाल ने जोर देकर कहा कि पश्चिम चंपारण के कुमारबाग और बक्सर के नवानगर में मल्टी सेक्टर स्पेशल इकनॉमिक जोन (SEZ) को मंजूरी मिल गई है, जबकि गया, भागलपुर, और पटना में टेक्सटाइल इंडस्ट्री को स्थापित करने की मंजूरी मिल गई है। यही नहीं भागलपुर स्थित बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर में नाबार्ड के सहयोग से जीआई टैग फैसिलिटेशन सेंटर खुलेगा जिससे किसानों के उत्पादों को वैश्विक स्तर पर विशेष पहचान मिलेगी एवं उनकी आय लगभग दोगुनी हो जाएगी।
भाजपा अध्यक्ष डॉ. जायसवाल ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि मोक्षस्थली के रूप में चर्चित गया के तिलकुट और पत्थलकटी, हाजीपुर के केला, नालंदा की बावनबुटी, उदवंतनगर के खुरमा और सीतामढ़ी की बालूशाही को बहुत जल्दी जीआई टैग मिल सकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बिहार की विरासत को भी पहचान देने को लेकर संकल्पित है। उद्योग हेतु इंडस्ट्रियल नोड बनाने की घोषणा किया गया है जिसके तहत अमृतसर, कोलकाता कॉरिडोर गया में इंडस्ट्रियल नोड बनेगा। इसका काम विकास भी, विरासत भी मॉडल के तहत होना है। इसके अलावा ऊर्जा के लिए भागलपुर के पीरपैंती में 21,400 करोड़ से 2400 मेगावाट का पावर प्रोजेक्ट लगेगा।
बिहार में कल तक गरीब लोगों को इलाज के लिये सूद पर रुपये लेने पड़ते थे लेकिन 51 लाख से अधिक बुजुर्ग आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त इलाज के लिए लाभार्थी होंगे। यात्री सुविधाओं की चर्चा करते हुए प्रदेश अध्यक्ष डॉ. जायसवाल ने कहा कि दरभंगा एयरपोर्ट को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने के लिए 918 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं, जिससे यात्री सुविधाएं बढ़ेंगी। पटना के बाद अब बिहटा में एयरपोर्ट के निर्माण लिए 1413 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।
डॉ. जायसवाल ने कहा कि बाढ़ बिहार की मुख्य समस्या रही है, अब सरकार ने इसके समाधान की पहल की है। केंद्र सरकार ने बिहार को बाढ़ की समस्या से निदान दिलाने के लिए तकनीकी समिति का गठन किया है। यह समिति डीपीआर तैयार कर बाढ़ की समयस्याओं से निदान दिलाने की दिशा में कार्य करेगी, साथ ही बिहार को बाढ़ की विभीषिका से राहत दिलाने में मदद करेगी। बिहार में बाढ़ की समस्या से निपटने के लिए 11,500 करोड़ की मदद दी जाएगी। बिहार के ग्रामीण निकायों और शहरी निकायों के विकास के लिए 1600 करोड़ की राशि जारी की गई है। इसमें से 775 करोड़ 03 लाख 41 हजार रुपये पंचायतों को वितरित किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने पूर्वोदय योजना की घोषणा ‘बिहार’ के नाम के साथ किया। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के राज्यों के विकास के लिए पूर्वोदय योजना लायी जा रही है, जिसमें बिहार भी शामिल है। यहां मानव संसाधन विकास, आधारभूत संरचना विकास और आर्थिक अवसरों को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार विशेष मेहनत करेगी। 2024-25 में पूंजी निवेश के लिए बिहार को 3651.12 करोड़ रुपये की सहायता मिली है। केंद्र की विशेष सहायता योजना के तहत राज्यों को 50 वर्षों तक बिना ब्याज राशि दी जा रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बिहार के 1 लाख लाभार्थियों को पहली किस्त जारी कर दी गई है। बिहार के 18 शहरों में 57 निजी एफएम रेडियो चैनल शुरू करने को मंजूरी दी गयी है, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, स्थानीय बोली और संस्कृति को भी बढ़ावा मिलेगा।