मोकामा शूटआउट कांड में पांच एफआईआर दर्ज हो चुके हैं और बाहुबली पूर्व विधायक अनंत सिंह समेत तीन लोग जेल जा चुके हैं, जिनमें सोनू सिंह भी शामिल हैं। लेकिन इस कांड से उपजा सियासी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मुद्दे को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की नेता और लोकसभा सांसद मीसा भारती ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला किया है।
सुशासन पर सवाल
पाटलिपुत्र से लोकसभा सांसद मीसा भारती ने बिहार में कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि सुशासन का दावा पूरी तरह से खोखला है। उन्होंने कहा कि “नीतीश कुमार को सुशासन बाबू कहा जाता है, लेकिन उनके राज में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। मोकामा में बार-बार गोलीबारी की घटनाएं इस बात का प्रमाण हैं।”
मीसा भारती ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री के पास गृह मंत्रालय भी है, इसलिए कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी पूरी तरह से उनकी है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि मोकामा कांड में सच्चाई उजागर होनी चाहिए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
मीसा भारती का अनंत सिंह पर निशाना
राजद सांसद ने मोकामा के बाहुबली पूर्व विधायक अनंत सिंह पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि “वह विधायक रहे हैं और उनकी पत्नी वर्तमान में विधायक हैं। लेकिन फायरिंग जैसी घटनाओं में उनकी संलिप्तता बताती है कि ‘पूरी दाल ही काली है।'” उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि अनंत सिंह जैसे व्यक्ति को सरेंडर करना क्यों पड़ा।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप
मीसा भारती ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जदयू ने ही अनंत सिंह को विधायक बनाया था। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और ललन सिंह के साथ अनंत सिंह के पुराने रिश्ते रहे हैं। “सुनते हैं कि अनंत सिंह की गौशाला से मुख्यमंत्री को दूध भी भेजा जाता था। अगर तेजस्वी यादव ने अनंत सिंह और उनकी पत्नी को टिकट दिया, तो ललन सिंह उनके प्रचार के लिए क्यों गए?”
पैरोल पर सवाल
मीसा भारती ने अनंत सिंह को 15 दिनों के पैरोल दिए जाने पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि “पैरोल आमतौर पर शादी या मृत्यु जैसे विशेष परिस्थितियों में दिया जाता है। लेकिन चुनाव के दौरान अनंत सिंह को पैरोल क्यों दिया गया? यह देश के इतिहास में पहली बार हुआ है कि किसी कैदी को बिना ठोस कारण पैरोल पर रिहा किया गया।”
विपक्ष को भटकाने का आरोप
मीसा भारती ने यह भी कहा कि जब विपक्ष बिहार की वर्तमान कानून व्यवस्था पर सवाल उठाता है, तो सरकार 20 साल पुराने मुद्दों की बात करने लगती है। “घटना आज हुई है, लेकिन सरकार भटकाने के लिए 20 साल पहले की बातें करने लगती है।”