[Team Insider] राज्यसभा में झारखंड से भाजपा सांसद महेश पोद्दार के बयान के बाद एचईसी के मजदूरों में भारी रोष है। इसको लेकर बुधवार को धुर्वा प्रखंड में बस स्टैंड के पास एचईसी के सभी मजदूर यूनियनों, व्यवसायिक संगठनों, राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने घोर निंदा की और महेश पोद्दार का पुतला दहन किया।
भाजपा उद्योगपतियों की सरकार
इस मौके में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि सांसद के बयान से यह स्पष्ट होता है कि भाजपा उद्योगपतियों की सरकार है और ये लोग एचईसी जैसे मातृ उद्योग को भी उद्योगपतियों को बेचने की तैयारी कर रहें हैं।
संसद का बयान पूंजीवादी सोच
वंही खिजरी विधायक राजेश कच्छप ने भी भाजपा सांसद द्वारा दिए गए बयान को बचकाना और पूंजीवादी सोच का बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा के सांसद जनता के मत का उपहास करने में लगे हैं।एचईसी के मजदूरों को पिछले 9 महीने से वेतन का भुगतान के बारे में सांसद ने एक शब्द भी नहीं बोला।
राजभवन मार्च स्थगित
वंही कोविड के बातें मामले को लेकर एचईसी बचाओ मजदूर जन संघर्ष समिति के आह्वान पर 6 जनवरी को प्रस्तावित राजभवन मार्च कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है।
सांसद का बयान
दरअसल सांसद महेश पोद्दार ने कहा है कि एचइसी की बदहाली के पीछे लंबा इतिहास है। दुनिया बदल रही थी, तकनीक बदल रहे थे। तब एचइसी में कोई बदलाव नहीं किया गया। इसे बदहाली का नमूना बना दिया गया। अब उद्योग धंधे निजी क्षेत्र में हो या सरकारी क्षेत्र में सक्षम रूप से चलेंगे तो चलेंगे। नहीं तो उन्हें बंद होना ही है। सरकार की भी नीति है ‘Government Has No Business To Be In Business’ यह स्पष्ट नीति है। उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति को स्वीकारते हुए मजदूरों को हड़ताल नहीं करना चाहिए और ऐसी स्थिति में रखें कि कोई दूसरा निवेशक इसमें निवेश करके, इसे नई जिंदगी दे सके और नई ऊंचाई तक ले जा सके।