बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव में शराबबंदी एक अहम मुद्दा बनते जा रहा है। पहले प्रशांत किशोर और अब मुकेश सहनी भी बंदी को हटाने के पक्ष में कूद पड़े है। उन्होंने बयान दिया है कि अगर उनकी सरकार बनती है तो वो शराबबंदी की समीक्षा कराएंगे। साथ ही जनता और राज्य सरकार के हित में जो निर्णय होगा वो लिया जायेगा। बता दें कि कुछ दिन पहले प्रशांत किशोर ने भी एलान किया था कि उनकी सरकार बनेगी तो वो एक घंटे के अंदर शराबबंदी को हटा देंगे। साथ ही उससे आए पैसों से शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करेंगे।
दरअसल, साल 2016 में नीतीश सरकार द्वारा शराबबंदी को लागू किया गया था। जिसके बाद से ही लगातार शराब तस्करी के कई मामले हर रोज सामने आने लगे थे। कई नेताओं द्वारा ये भी दावा किया जाता रहा है कि प्रदेश में शराब की होम डिलीवरी भी होती है। ऐसे में तमाम विपक्षी पार्टियों ने इसे मुद्दा बनाकर सरकार को कई बार घेरने का भी प्रयास किया है। ऐसे में प्रशांत किशोर के बाद अब मुकेश सहनी भी इस कानून को खत्म करने के पक्ष में आ गए है।
उन्होंने कहा कि जिस उद्देश्य के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी लागू की थी, वो मकसद पूरा नहीं हुआ है। आज घर-घर में शराब की होम डिलेवरी हो रही है। जब शराबबंदी का घोषित उद्देश्य ही पूरा नहीं हुआ है तो इस पर फिर से विचार करने की आवश्यकता है। सहनी ने कहा कि हम लोग जब सरकार में आयेंगे तो इसकी समीक्षा करेंगे। हम लोग जनता के बीच जाएंगे, सर्वे करेंगे और देखेंगे कि जनता क्या हित है, राज्य सरकार का क्या हित है, उसके बाद ही हम लोग निर्णय लेंगे।