नए संसद भवन के उद्घाटन में जदयू शामिल नहीं हुई है। जदयू के नेता पटना में उपवास पर हैं। विरोध कई परतों में है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह तो यहां तक कह चुके हैं कि सरकार बदलेगी तो नए संसद में दूसरा काम कराएंगे। तो जदयू के सर्वमान्य नेता व बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने खुले तौर पर कहा कि नए संसद की तो जरुरत ही नहीं थी। विरोध का स्वर इतना मुखर होने के बाद भी नए संसद के उद्घाटन सत्र में जदयू सांसद ने ही अतिथियों का स्वागत किया। दरअसल, जदयू के सांसद हरिवंश, राज्यसभा के उपसभापति हैं। इसलिए वे जदयू के बहिष्कार का हिस्सा नहीं बने।
नए संसद पर सियासत, उद्घाटन के विरोध में JDU का उपवास
हरिवंश ने किया अतिथियों का स्वागत
उद्घाटन के दूसरे सत्र की शुरुआत राष्ट्रगान से हुई। इसके बाद राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने अतिथियों का स्वागत किया। इस दौरान हरिवंश ने कहा कि यह बेहद खुशी की बात है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में ढ़ाई साल से भी कम समय में एक नई आधुनिक संसद का निर्माण किया गया है। यह दिन एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है क्योंकि यह अमृतकाल में प्रेरणा का स्रोत साबित होगा।
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जदयू ने तोड़ा नाता पर हरिवंश बरकरार
वैसे तो जदयू ने एनडीए से अपने रास्ते अगस्त 2022 में ही अलग कर लिए थे। लेकिन जदयू और एनडीए का एक सिरा अभी भी जुड़ा हुआ है। एनडीए उम्मीदवार के तौर पर ही हरिवंश ने दूसरी बार राज्यसभा में उपसभापति पद का चुनाव जीता था। लेकिन जदयू के एनडीए से अलग हो जाने के बाद भी हरिवंश ने इस्तीफा नहीं दिया है। कई बार प्रशांत किशोर ने हरिवंश के इस्तीफा नहीं देने को नीतीश कुमार का भाजपा से जुड़ाव बताया है। प्रशांत कहते रहे हैं कि नीतीश कुमार ने हरिवंश के जरिए भाजपा से बातचीत के रास्ते खुले रखे हैं।