बिहार और दिल्ली के हालात एक से हो गए हैं। कुछ दिनों पहले दिल्ली भूकंप से कांपी थी, बुधवार को बिहार में भी धरती डोली। गर्मी की आग दिल्ली में भी बरस रही है, पटना भी कम नहीं झुलसा हुआ है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी पीएम बनने को बेचैन से हैं। तो बिहार के सीएम नीतीश कुमार का हाल भी किसी से छुपा नहीं है। दोनों का एकेडमिक बैकग्राउंड इंजीनियरिंग ही है। दोनों का मौजूदा पद भी एक समान ही है। और तो और दोनों की मंजिल भी एक ही है, जिसमें भाजपा हटाने का संकल्प है। दरअसल, दोनों की मंजिल एक है और अब रास्ते एक करने की गुंजाइश ढूंढ़ी जा रही है। बिहार में सड़कों का जाल बिछा देने के भरोसे 17 सालों से सत्ता में बने नीतीश कुमार रास्ते बनाने में तो माहिर हैं। तो शुरुआत उनकी ओर से ही हुई है। बुधवार को नीतीश कुमार दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से मिले।
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तीन दिनों के दौरे पर दिल्ली में हैं नीतीश
Bihar के सीएम नीतीश कुमार विधानमंडल सत्र निबटाकर अब दिल्ली दर्शन के तीन दिनों के दौरे पर हैं। पहले दिन उनकी मुलाकात लालू यादव से हुई। दूसरे दिन का फर्स्ट हाफ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नाम रही। तो सेकेंड हाफ में दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल से नीतीश कुमार मिले। इस दौरान नीतीश कुमार के साथ बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी मौजूद रहे। भले ही दो राज्यों के सीएम और डिप्टी सीएम मिले हों लेकिन मुलाकात राजकीय नहीं, राजनीति वाली थी। मीडिया रिपोर्ट्स बता रहे हैं कि मुलाकात में विपक्षी एकता को लेकर बात हुई है। यह स्वाभाविक भी है क्योंकि नीतीाश कुमार ने साफ कर दिया है कि अब उनकी जिंदगी का एक ही मकसद है कि भाजपा के खिलाफ विपक्ष को एकजुट कर दें।
दो इंजीनियर्स की पॉलिटिकल इंजीनियरिंग
अरविंद केजरीवाल और नीतीश कुमार दोनों इंजीनियर रहे हैं। दोनों ने बीटेक किया है। नीतीश कुमार बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से ग्रेजुएट हैं तो केजरीवाल आईआईटी से। लेकिन दोनों फिलहाल उस इंजीनियरिंग को लेकर चर्चा में हैं, जिसमें वे भाजपा विरोध का भवन खड़ा कर सकें और एक छत के नीचे पूरे विपक्ष को ले आएं। वैसे मौजूदा ताकत तौलें तो नीतीश कुमार पर अरविंद केजरीवाल 20 पड़ते दिख रहे हैं। क्योंकि अरविंद केजरीवाल की सरकार दो राज्यों में है। विधायकों की संख्या में नीतीश के कुल विधायकों से कहीं आगे केजरीवाल हैं। राज्यसभा में भी केजरीवाल के पास ज्यादा नंबर हैं। बस लोकसभा में नीतीश के पास अधिक सांसद हैं।