माह-ए-रमजान में बिहार की सियासत में दो नए चांद साथ नजर आए। ये दो चांद बिहार की राजनीत को नए दिशा देंगे या चाचा-भतीजे की जोड़ी फिर साथ आएगी। ऐसे कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। दरअसल, हाल में इफ्तार पार्टियों में अप्रत्याशित जोड़ी सामने आई। एक हफ्ते के अंदर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव तीन बार साथ दिखे। वहीं, लोजपा (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान और वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी एक साथ नजर आए।
लाउडस्पीकर मामले पर भी तेजस्वी और नीतीश साथ
धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर उतारे जाने के मामले पर भी नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव का एक ही बयान आया। दोनों ने इस बेफिजूल की बात कही। इससे पहले तेजस्वी और नीतीश कुमार एक-दूसरे को पूरा सम्मान देते नजर आए। पहले राजद की इफ्तार पार्टी में तेजस्वी द्वारा नीतीश कुमार को राबड़ी आवास के बाहर तक छोड़ने जाना। फिर जदयू की इफ्तार पार्टी में नीतीश ने भी तेजस्वी को समारोह स्थल के गेट तक छोड़ा। राजद से गठबंधन टूटने के बाद अब तक तेजस्वी ने राजनीतिक रूप से ही नीतीश पर हमला बोला। कभी मुख्यमंत्री के खिलाफ अमर्यादित बयान नहीं दिया। हाल में जब वीआईपी के सभी विधायक बीजेपी में शामिल हुए, तब भी तेजस्वी ने कहा कि जब वह जदयू के साथ सरकार में थे उस वक्त नीतीश ने उनसे कहा था कि आरएसएस और भाजपा वाले बेहद खतरनाक हैं। ये लोग सभी पार्टियों को खत्म कर देना चाहते हैं। तेजस्वी के इस बयान से जाहिर होता है कि नीतीश उन दिनों तेजस्वी को अपने अपने शिष्य के तौर पर राजनीतिक ज्ञान दिया करते थे।
एनडीए से हटने के बाद कांग्रेस का थामन नहीं थामे सहनी
2020 में महागठबंधन में टिकट नहीं मिलने पर वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने भाजपा का दामन थाम लिया था। एनडीए की सरकार बनने के बाद सहनी मंत्री भी बने,लेकिन इस माह बोचहां सीट पर उपचुनाव में सीट को लेकर भाजपा से मनमुटाव के बाद सहनी एनडीए से बाहर हो गए। इसके बाद यह कयास लगाया जा रहा था कि सहनी कांग्रेस में शामिल होंगे, क्योंकि राजद में उनकी एंट्री बंद थी और कांग्रेस का राजद के साथ मतभेद चल रहा है। ऐसे में पूरी संभावना थी कि सहनी कांग्रेस का दामन थामेंगे, लेकिन अब वह चिराग पासवान के साथ नजर आ रहे हैं। मतलब, दो दलित नेताओं का साथ आना। चिराग के पास पासवान, कुछ भूमिहार का वोट बैंक है और सहनी के पास मल्लाहों का। ऐसे में यह दोनों मिलकर दलितों की राजनीति करना चाहते हैं। दो दिन पहले ही चिराग और मुकेश सहनी एक साथ एक गाड़ी में बैठकर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा की इफ्तार पार्टी से कांग्रेस की इफ्तार पार्टी में सदाकत आश्रम पहुंचे थे।
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