नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी अर्से तक एक दूसरे के प्रतिद्वंद्वी रहे हैं। एक वक्त था नीतीश कुमार की पार्टी के नेता उन्हें पीएम मैटेरियल बताते नहीं थकते थे। तो दूसरी ओर 2013 में जब भाजपा ने नरेंद्र मोदी को पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया। तो नीतीश ने नरेंद्र मोदी को रोकने के लिए भाजपा से दोस्ती तोड़ ली। 2017 में वापस नीतीश एनडीए में आ गए। लेकिन 2022 में फिर अलग हो गए। इस बार नीतीश कुमार ने एक बार फिर 2024 में नरेंद्र मोदी को पीएम पद पर जाने से रोकने के लिए विपक्षी दलों के कुनबे को एक टेबल पर बिठा लिया। लेकिन चुनाव से पहले फिर भाजपा के साथ आ गए। अब चुनाव के बाद नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी के लिए PM पद का ऑफर ठुकरा दिया है। यह दावा जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी का है।
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दरअसल, लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा अपने बूते बहुमत पाने से चूक गई। पिछले दो चुनावों में भाजपा को बहुमत का आंकड़ा मिला था। लेकिन इस बार सरकार बनाने के लिए भाजपा को अपने सहयोगी दलों की भी जरुरत है क्योंकि उसके पास पर्याप्त सीटें नहीं हैं। दूसरी ओर इंडी गठबंधन से एनडीए में आए नीतीश कुमार की भूमिका को लेकर विपक्ष ने भ्रम फैलाने की कोशिश की। तेजस्वी यादव, संजय राउत समेत कई नेताओं ने यह बताने की कोशिश की है कि नीतीश वापस इंडी गठबंधन में आ सकते हैं। लेकिन जदयू ने इन दावों को नकार दिया है।
जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी का कहना है कि अब नीतीश कुमार पीछे मुड़कर देखने वाले नहीं हैं। जदयू नेता का यह भी दावा है कि नीतीश कुमार को I.N.D.I.A ब्लॉक से पीएम बनाने का ऑफर मिला था। लेकिन नीतीश कुमार ने इस ऑफर को ठुकरा दिया और नरेंद्र मोदी ही प्रधानमंत्री बनेंगे। अब पीछे देखने का सवाल ही नहीं है।