बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों इंडियन पॉलिटिक्स के लाइमलाइट लीडर बने हुए है। बात चाहे केंद्र में सरकार बनाने की हो या राज्य में NDA की सरकार बनाने की, हर तरफ से नीतीश कुमार ही सेंटर ऑफ पॉलिटिक्स बने हुए है। ऐसे में एक तरफ को भाजपा अपनी तरफ से नीतीश कुमार को पूरी तब्जजू दे रही, लेकिन नीतीश बाबू अभी भी अपनी अलग पॉलिटिक्स खेल रहे है। यहीं वजह है कि झारखंड में होने वाले चुनाव में नीतीश की पार्टी ने 11 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर ली है।
दरअसल, साल 2005 में JDU ने झारखंड में जबरदस्त परफॉर्म किया था। उस साल पार्टी ने यहां 18 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, जिसमें 6 सीटों पर जीत मिली थी। झारखंड में JDU का वोट प्रतिशत 4 रहा था। वहीं, साल 2009 में वोट प्रतिशत और सीटों में गिरावट आ गई थी। भाजपा के साथ गठबंधन में जदयू को 14 सीटें मिली, जिस पर मात्र 2 सीटों पर पार्टी जीत दर्ज कर सकी। वोट भी घटकर 4 से 2.78 प्रतिशत रह गया था।
इसके बाद से तो मानिए JDU का झारखंड में बुरा वक़्त ही शुरू हो गया। अगर पिछले दो चुनाव की बात करें तो JDU का खाता भी नहीं खुला है। ऐसे अब इस बार पार्टी अपनी पूरी जोड़ लगाना चाह रही है। यहीं वजह है है कि झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष खीरू महतो ने 11 सीटों की पहली लिस्ट तैयार की है। नीतीश कुमार JDU को राष्ट्रीय पार्टी बनाने की हर संभव कोशिश कर रहे है। वहीं, कहा जा रहा कि बीजेपी नीतीश कुमार के साथ झारखंड में मजबूरी में कुछ सीटों पर तालमेल कर सकती है।