केंद्र में एनडीए की सरकार अब बन चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 72 मंत्रियों ने मंत्री पद की शपथ ले ली है। बिहार से कुल 8 सांसदों को मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। इसमें चार कैबिनेट मंत्री हैं जबकि चार राज्य मंत्री हैं। लेकिन इन मंत्रियों के नाम की लिस्ट सामने आते ही अलग बवाल शुरू हो गया है। दरअसल, मोदी कैबिनेट में बिहार के मंत्रियों से राजपूत सांसदों का नाम गायब है। न भाजपा से किसी राजपूत सांसद को शामिल किया गया है और न ही सहयोगी दल से। जबकि एनडीए के सभी दलों को मिलाकर 5 राजपूत सांसद जीते हैं। टिकट पाने में अव्वल रहे राजपूतों को इस बार मंत्रिमंडल से बाहर रखते हुए मोदी सरकार भूमिहारों पर खासा मेहरबान दिख रही है।
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7 राजपूतों को मिला था एनडीए से टिकट
इस बार लोकसभा चुनाव में सबसे अधिक 7 उम्मीदवार एनडीए ने राजपूत जाति से उतारे थे। इसमें पूर्वी चंपारण से राधामोहन सिंह, सारण से राजीव प्रताप रूडी, महाराजगंज से जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, आरा से आरके सिंह और औरंगाबाद से सुशील कुमार सिंह को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया था। जबकि लोजपा रामविलास ने वीणा सिंह को वैशाली से टिकट दिया था। वहीं जदयू ने लवली आनंद को शिवहर से उम्मीदवार बनाया। इसमें आरके सिंह और सुशील कुमार सिंह को छोड़ सभी राजपूत उम्मीदवार जीते हैं। लेकिन मंत्री किसी को नहीं बनाया गया है।
भूमिहारों पर खास मेहरबानी
एनडीए की ओर से तीन भूमिहार उम्मीदवारों को टिकट दिया गया था। तीनों जीते भी हैं। इसमें से दो को मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला है। मुंगेर से जीते ललन सिंह और बेगूसराय से जीते गिरिराज सिंह मंत्रिमंडल में शामिल हो गए हैं। वहीं नवादा से जीते विवेक ठाकुर मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए गए हैं।