चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने आज अपने पिता को मिले सरकारी बंगले को खाली कर दिया है। हालांकि वह बंगला उनके स्वर्गवासी पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को सरकार की और से आवंटित किया गया था। वहीं साल 2020 के अक्टूबर महीने में रामविलास पासवान का निधन हो गया। जिसके बाद चिराग पासवान उस बंगले में रहने लगे। हालांकि अब चिराग से वह सरकारी बंगला खाली करवा लिया गया है। जिसके बाद आज चिराग पासवान दिल्ली से पटना आ चुके हैं। जहां पटना एयरपोर्ट पर उनके पार्टी के लोग उनके स्वागत के लिए पहुंचे।
पटना एयरपोर्ट पर हुई बात
पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान चिराग ने बताया कि मै खुद बंगाला खाली करने वाला था, लेकिन सरकार ने बगलें खाली कराने के तरीके बेहद निराशाजनक और गलत है। उन्होंने मेरे स्वर्गवासी पिता की तस्वीरों को फेंक दिया। यह कैसा व्यवहार है। साथ ही उन्होंने कहा मैने कभी नहीं कहा था कि दिल्ली आवास 12 जनपथ मुझें दे दिया जाए। मैं तो खुद को उसके लायक नहीं मानता, ना ही मुझे उस बंगले की आवश्यकता है। मैं बिहार का हूं, बिहार ही मेरी कर्म भूमि है इसलिए मैंने अपने राज्य के लिए संघर्ष का रास्ता चुना है।
चिराग अपने लिए नहीं है दुःखी
हालांकि चिराग पासवान ने बताया कि उन्हें केवल एक चीज़ का दुःख है कि जिस तरीके से मुझे घर से जाना पड़ा, वह तरीका गलत था। सरकार का घर खाली करवाने के तरीके से मुझे परेशानी है। उस घर में केवल मैं नहीं मेरे पिताजी के समय से ही उनके साथ काम करते आए करीबन 100 लोग वहां रहते थे। वह ढेर सारे लोगों का आश्रय था।
लालच में नहीं फसते चिराग
चिराग ने कहा कि मैं तो चिराग हूं, मेरा कोई ठिकाना निश्चित नहीं है। मेरा काम हर जगह रौशनी फैलाना है। मैंने खुद के लिए संघर्ष का रास्ता चुना है। साथ ही उन्होंने बताया कि मुझे किसी बंगले और मंत्रालय का कभी लोभ नहीं रहा। अगर मेरे मन में इन चीजों को लेकर लालच होता तो मैं उन शक्तियों के सामने झुक जाता लेकिन मैंने कभी अपने सिद्धांतों से मुह नहीं मोड़ा। उन्होंने बताया कि उन्हें कई बड़ी शक्तियों के तरफ से लालच दिया गया लेकिन वह उस लालच में कभी नहीं फसते।