उत्तरप्रदेश में सीट बंटवारे को लेकर अब सपा और कांग्रेस के बीच दरार पड़ती नज़र आ रही है। इंडिया गठबंधन में दोनों पार्टियों के बीच अभी सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप भी नहीं दिया गया, और उससे पहले ही सपा ने अपने प्रत्याशी घोषित करने शुरू कर दिए हैं। इससे एक तरफ कांग्रेस तोअसहज है ही, वहीं सपा का कहना है कि मध्य प्रदेश की घटना से सबक लेकर उनकी पार्टी इस प्रकार फैसले लेकर आगे बढ़ रही है। सपा का कहना है कि कांग्रेस को जो सीटें दी जानी हैं, उसकी जानकारी मुकुल वासनिक की अगुवाई वाली उनकी कमेटी को पहले हीं दे दी गई है। लेकिन इस पर सवाल भी वे ही नेता उठा रहे हैं, जो न तो कमेटी में हैं और न ही उन्हें कमेटी ने कोई जानकारी दी है। सपा ने कहा कि मध्य प्रदेश चुनाव के दौरान कांग्रेस ने जिस तरह से सपा के साथ व्यवहार किया, वह सबके सामने है। गठबंधन के कई राउंड की बैठक के बावजूद भी सपा को एक भी सीट नहीं मिली थी।
वहीँ लखनऊ में एक चैनल से बातचीत में कांग्रेस के उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय ने कहा,” बिना बातचीत के सपा ने प्रदेश में लोकसभा उम्मीदवार उतारकर गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया है। फिर भी हम सभी बातों पर चर्चा करने और सकारात्मक मान्यता के साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं। मुझे यकीन है कि आगे ये सब चीजें ठीक होंगी।” उन्होंने इस बात को स्वीकार किया है कि सपा ने 16 उम्मीदवार उतार कर अच्छा संदेश नहीं दिया है। पांडेय ने कहा, “भाजपा को पराजित करने के लिए सभी दलों को एक होना चाहिए। चाहे वह सीटों के संबंध में हो या किसी रणनीति के संबंध में। उन्होंने कहा, “अगर कोई राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस के साथ समझौता कर रही है, तो उसकी अपनी भी एक पहचान है। कोई भी एकतरफा फैसला नहीं होता है, गठबंधन में शामिल सभी लोग एक साथ आते हैं और सर्वसम्मति से उस बात की घोषणा करते हैं। आज भी हमारे मन में सपा के प्रति पूरा सम्मान है और ये बहुत ही स्वस्थ और सकारात्मक चर्चा हो रही है।” तेलंगाना के मुख्यमंत्री की ओर से सोनिया गांधी के वहां से चुनाव लड़ने के मामले में पूछने पर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय ने कहा, “प्रदेश के नेता चाहते हैं कि गांधी परिवार के हर सदस्य को उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ाया जाए। हम लोग इसकी तैयारी भी कर रहे हैं, लेकिन यह शीर्ष नेतृत्व को तय करना है कि कौन कहा से लड़ेगा।”