पप्पू यादव वैसे तो पहले भी सांसद रहे हैं। लेकिन 2024 में उनके सांसद बनने की कहानी पूरी फिल्मी है। 2014 में आखिरी चुनाव पप्पू यादव ने राजद के टिकट पर मधेपुरा से जीता था। लेकिन इस बार पप्पू यादव को पूर्णिया से चुनाव जीतने के लिए सभी समीकरण आजमा लिए। पहले पप्पू यादव ने राजद से टिकट मांगा। नहीं मिला तो पप्पू यादव ने कांग्रेस ज्वाइन कर लिया। लेकिन राजद ने जब पूर्णिया पर अपना वीटो लगा दिया तो कांग्रेस पीछे हट गई। पप्पू यादव ने निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत भी लिया। लेकिन अब पप्पू यादव के निशाने पर एनडीए है। एनडीए पर हमलावर पप्पू यादव ने ढ़ाई दशक पुराने घाव खुरच दिया है।
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पूर्णिया लोकसभा सीट से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि “ये लोग वही लोग हैं जिन्होंने बिहार का बंटवारा किया। उस बंटवारे से न बिहार का विकास हुआ, न झारखंड का। यहां तक कि झारखंड अडानी और अंबानी के हाथों में चला गया।” पप्पू यादव ने इस आरोप के जरिए बिहार को खराब हालत में बताया है और इसके लिए जिम्मेदार भाजपा और एनडीए को बताया है।
साथ ही पप्पू यादव ने नीतीश कुमार को सीख देते हुए कहा कि “नीतीश कुमार को तीन चीजों पर बात करनी चाहिए थी। पहली, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले। दूसरी, जातिगत जनगणना और तीसरी अग्निवीर योजना। बिहार की जनता कैबिनेट से ज्यादा महत्वपूर्ण है।”