4 दिसंबर से 21 दिसंबर तक चले संसद का शीतकालीन सत्र हंगामें और विवाद से पूरी तरह गर्म रहा। कई बड़ी घटनाएँ इस दौरान घटी। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा का निष्कासन, लोकसभा में दो युवकों का घुसपैठ करना, बड़ी संख्या में विपक्षी सांसदों का निलंबन पर संसद में जमकर हंगामा हुआ। वहीं टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी द्वारा उपराष्ट्रपति व राज्यसभा के सभापति जगदीप धनकड़ के नकल करने और DMK के सांसद डी.एन.वी. सेंथिल कुमार के गोमूत्र वाले बयान पर खूब विवाद भी हुआ। शीतकालीन सत्र के दौरान हुई इन घटनाओं के बारे में विस्तार से बताएंगे।
सेंथिल ने हिंदी भाषी राज्यों को गोमूत्र राज्य कहा
शीतकालीन सत्र के शुरू होने के दूसरे दिन यानि 5 दिसंबर को ही लोकसभा में एक विवादित बयान दिया गया। डीएमके सांसद सेंथिल कुमार ने तीन राज्यों में भाजपा की जीत पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि “भाजपा की ताकत मुख्य रूप से हिंदी राज्यों में ही है। जिन्हें हम गोमूत्र राज्य कहते हैं। भाजपा कभी भी दक्षिण भारत में नहीं आ सकती।” उनके इस बयान पर जमकर विवाद हुआ। स्थिति ऐसी बनी की उन्हें अगले ही दिन 6 दिसंबर को सेंथिल कुमार ने लोकसभा में माफ़ी मांगी। उन्होंने कहा कि “कल अनजाने में मेरे द्वारा दिया गया बयान से किसी सदस्यों और लोगों के वर्गों की भावनाओं को ठेस पहुंचा है, तो मैं इसे वापस लेना चाहूंगा। मैं शब्दों को हटाने का अनुरोध करता हूं…मुझे इसका अफसोस है।”
महुआ मोइत्रा संसद से निष्काषित
8 दिसंबर को टीएमसी सासंद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता को रद्द कर दिया गया। जिसको लेकर खूब हंगामा हुआ। महुआ मोइत्रा पर लगे आरोपों पर आचार समिति की रिपोर्ट को लोकसभा में पेश की गई। जिसपर लोकसभा में चर्चा भी हुई। आचार समिति की रिपोर्ट पर महुआ लोकसभा में बोलने का मौका मांगती रही। लेकिन स्पीकर ने नियमों का हवाला देते हुए उन्हें बोलने से मना किया। उसके बाद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द करने का प्रस्ताव लोकसभा में पेश हुआ। ध्वनिमत के आधार पर प्रस्ताव पास हो गया। जिसके बाद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई। जिसको लेकर सदन के अंदर से बाहर तक विपक्षी सांसदों ने खूब हंगामा किया।
संसद अटैक की बरसी पर लोकसभा में घुसपैठ
13 दिसंबर का दिन भारतीय संसद के इतिहास में काले और लाल अक्षरों में पहले से दर्ज है। इसी दिन 2001 में संसद में आतंकी हमला हुआ था। उस हमले की बरसी पर यानि 13 दिसंबर 2023 को संसद भवन की सुरक्षा में चूक का बड़ा मामला सामने आया। सदन की कार्यवाही के दौरान दो युवक लोकसभा में घुस गए। ये दोनों शख्स दर्शक दीर्घा से कूदे थे।
ये तेजी से लोकसभा स्पीकर के आसन्न की तरफ बढ़ने लगे। जिन्हें पहले कुछ सांसदों ने पकड़ा और सुरक्षाकर्मियों के हवाले कर दिया। दोनों युवकों ने अपने साथ लाए कलर स्प्रे से लोकसभा को धुंआ-धुंआ कर दिया। उसी वक्त संसद के बाहर भी एक युवक और एक महिला ने कलर स्प्रे छोड़ा। चारों को गिरफ्तार कर लिया गया। सुरक्षा में चूक के इस मामले का मुद्दा पूरे शीतकालीन सत्र में उठता रहा।
146 सांसदों का निलंबन
21 दिसंबर को संसद के शीतकालीन सत्र को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया। शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में दो युवकों के घुसपैठ का मुद्दा गर्म रहा। विपक्षी दलों ने गृह मंत्री से सदन में आकर जवाब देने की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया। हंगामा करने को लेकर कई सांसदों को लोकसभा और राज्यसभा से पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया।
निलंबन की शुरुआत 14 दिसंबर से हुई इस दिन लोकसभा से 13 और एक सांसद को राज्यसभा से निलंबित किया गया।18 दिसंबर को लोकसभा से 33 और राज्यसभा से 34 सांसदों निलंबित किए गए। 19 दिसंबर को लोकसभा से 49 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया। 20 दिसंबर को 2 सांसदों को लोकसभा से निलंबित किए गए। वहीं शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन 21 दिसंबर को भी लोकसभा से 3 सांसदों को निलंबित किया गया। सांसदों के निलंबन के खिलाफ विपक्ष ने मोर्चा खोल रखा है।
उपराष्ट्रपति के नक़ल पर विवाद
शीतकालीन सत्र के दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ की नक़ल का मुद्दा भी गर्म रहा। दरअसल लोकसभा और राज्यसभा में सांसदों के निलंबन को लेकर 19 दिसंबर को भी खूब हंगामा हुआ। इसी वजह से दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होते ही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इसके बाद सभी विपक्षी दलों के सांसद संसद भवन की सीढ़ियों पर तख्तियां लेकर प्रदर्शन करने लगे। इस दौरान एक ऐसा वीडियो सामने आया है जिसमें टीएमसी के सांसद कल्याण बनर्जी, उपराष्ट्रपति व राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की नकल करते दिखे। इस दौरान बाकि सभी विपक्षी सांसद ठहाके लगाकर हंसते दिखे।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी वहीं मौजूद थे। वो भी हंसते दिखे और फिर इसके बाद उन्होंने अपना मोबाइल निकालकर टीएमसी के सांसद कल्याण बनर्जी का वीडिओ भी बनाया। अपनी नकल किए जाने का जिक्र उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ ने खुद राज्यसभा में किया और दुःख व्यक्त किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना की निंदा की और इसे संवैधानिक पद का अपमान बताया। इस मुद्दे को लेकर अभी भी विवाद जारी है।