रामविलास पासवान चिराग पर भरोसा नहीं करते थे। इसीलिए उन्होंने मुझे उत्तराधिकारी बना कर हाजीपुर से चुनाव लड़ने के लिए भेजा था। केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने यह बातें वैशाली के लालगंज में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान कही। रालोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा कि 2024 लोकसभा का चुनाव मैं हाजीपुर से ही लड़ूंगा। हाजीपुर की जनता की मांग है। यहां के लोगों के साथ मेरा सुख-दुख का नाता रहा है।
हाजीपुर सीट पर कोई समझौता नहीं होगा
चिराग पासवान के बारे में उन्होंने कहा कि जमुई की जनता ने उन्हें दो बार लोकसभा भेजा है। उनको जमुई की जनता ने सांसद बनाया। चिराग इस बार जमुई से चुनाव क्यों नहीं लड़ना चाहते हैं? हाजीपुर में उनका क्या है? पशुपति कुमार पारस ने जोर देकर कहा कि हाजीपुर संसदीय सीट पर कोई समझौता नहीं होगा। हाजीपुर में चिराग पासवान का क्या है? पारस ने कहा कि नित्यानंद राय से मेरी सौहार्दपूर्वक बातें हुईं, लेकिन मैंने साफ शब्दों में कह दिया है कि रालोजपा और लोजपा (रा) का मिलना मुमकिन नहीं है। हमारा भाजपा के साथ गठबंधन है और रहेगा। हमारी स्थिति स्पष्ट है और हम अपनी सीट छोड़नेवाले नहीं हैं और न ही अब तक भाजपा की तरफ से हमें कोई सीट छोड़ने के लिए कहा गया है।
भाई ने खुद बनाया था अपना उत्तराधिकारी
पशुपति पारस ने कहा कि चिराग कहते हैं कि हाजीपुर मेरे पिता की कर्मभूमि है, तो जब उनके पिता जी जिंदा थे 2019 में तो उन्होंने तो टिकट नहीं दिया था, उन्होंने कहा था कि चिराग मेरा बेटा जरूर है, लेकिन इस पर मुझे विश्वास नहीं है। मेरा भाई तुम हो तुम हाजीपुर की जनता का सर्वदा सेवा करना। तुम पर मेरा अधिकार है, तुमको मैं अपना उत्तराधिकारी चुनता हूं। तो फिर हाजीपुर सीट छोड़ने की बात ही कहां से आती है। मैं किसी भी कीमत पर हाजीपुर सीट नहीं छोड़ने वाला हूं।