पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) ने अपने सोशल मीडिया से ‘मोदी का परिवार’ हटा दिया है, और इस तरफ से वह अब खुद औपचारिक रूप से एनडीए से बाहर हो गये हैं। पशुपति पारस काफी दिन से एनडीए से नाराज चल रहे थे। एनडीए की बैठकों में भी उन्हें अब नहीं बुलाया जा रहा था। सोमवार को पटना में हुई एनडीए की प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी पारस की पार्टी रालोजपा को शामिल नहीं किया गया। इससे साफ है कि पारस और रालोजपा का एनडीए से नाता लगभग टूट चुका है।
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चिराग पासवान के लोकसभा चुनाव में पांच सीटें जीतने के बाद राजनीतिक समीकरण बदल गए। पहले लोजपा का दफ्तर चिराग को दे दिया गया, फिर एनडीए की कई अहम बैठकों में पारस को नजरअंदाज किया गया। हाल ही में हुए उपचुनाव में एनडीए की चार सीटों पर जीत के बाद जब एनडीए नेता नीतीश कुमार से मिलने गए, तब भी पारस की पार्टी का कोई नेता मौजूद नहीं था। इन सब घटनाओं ने पारस के एनडीए से बाहर होने के संकेत दिए।
बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले टिकट बंटवारे के दौरान पारस की पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली थी। इसके बाद पारस ने अपने सोशल मीडिया से ‘मोदी का परिवार’ हटा दिया था। बाद में बीजेपी नेताओं ने उन्हें मना लिया और उन्होंने ‘मोदी का परिवार’ फिर से जोड़ लिया था। लेकिन अब एक बार फिर उनके सोशल मीडिया से ‘मोदी का परिवार’ गायब है। कुछ दिन पहले रालोजपा की बैठक में पार्टी नेताओं ने 243 सीटों पर तैयारी की बात कही थी। इससे यह संकेत मिलता है कि बीजेपी और एनडीए से उनके रिश्ते अब बदल चुके हैं।