बिहार की राजनीति पल-पल बदल रही है। राजद की इफ्तार पार्टी के बाद सूबे की राजनीति में सियासती पारा ऊपर नीचे हो रहा है। वहीं सीएम नीतीश का एनडीए को छोड़ कर जाने की अटकलें लगाई जा रही है। हालांकि सीएम नीतीश ने इन अटकलों पर विराम लगा दिया था। बता दें कि राजद की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी आवास पर आयोजित इफ्तार पार्टी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल हुए थे। जहां नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने खुद गेट पर जाकर सीएम नीतीश की अगवानी की थी।
नीतीश से सीक्रेट बात हुई
वहीं दावत-ए-इफ्तार में तेज प्रताप ने यह कर कर बिहार की राजनीति में भूचाल ला दिया था कि बिहार में हम सरकार बनाएंगे, खेल होगा। हमारी नीतीश जी से सीक्रेट बात हुई है। जिस पर नीतीश कुमार ने यह बोल कर विराम लगा दिया कि अगर कोई इज्जत और सम्मान से बुलाया है तो जाना ही पड़ता है। वहीं कल सीएम नीतीश को राजद में शामिल होने आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह जब यह पूछा गया कि क्या नीतीश कुमार फिर से आरजेडी के साथ आ सकते हैं?
बीजेपी से सम्बन्ध तोड़ना होगा
जिसे लेकर जगदानंद ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि हमारी स्पष्ट राय है कि हम किसी ऐसे व्यक्ति के साथ नजदीकी क्यों बढ़ाएंगे? जिसमें स्थायित्व ना हो। जगदानन्द ने कहा कि जिसमें स्थायित्व ही ना हो उसके साथ कोई नजदीकियां क्यों बढ़ाएगा? साथ ही उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि राजद में कोई स्थान खाली नहीं है और उनके लिए कोई जगह नहीं है। वहीं आज जगदानंद के तेवर में कुछ नरमी दिख रही है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार राजद में आते हैं तो उनका स्वागत है। हालांकि उन्होंने यह शर्त रखी की सीएम नीतीश को बीजेपी से सम्बन्ध तोड़ना होगा और तेजस्वी यादव का नेतृत्व स्वीकार करना होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश लोहिया-कर्पूरी जी के रास्ते पर चलने को तैयार हों तो उनका राजद परिवार में स्वागत है।
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