पटना नगर निगम द्वारा नववर्ष के मौके पर पहली बार सांझा उत्सव मेले का आयोजन किया गया है। यह मेला 26 दिसंबर से 31 दिसंबर तक दीघा जेपी सेतु घाट (93 नंबर घाट) पर आयोजित हो रहा है, जिसे एक पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित किया गया है। यह आयोजन पटना वासियों को बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और विविधता का अनुभव कराने के उद्देश्य से किया गया है।
मेले का शुभारंभ और उद्घाटन
मेले का उद्घाटन नगर विकास एवं आवास विभाग के माननीय मंत्री नितिन नवीन, विधायक संजीव चौरसिया, एवं विधायक श्री अरुण सिन्हा ने किया। इस अवसर पर उप महापौर श्रीमती रेशमी कुमारी, नगर आयुक्त और अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
मंत्री महोदय ने अपने संबोधन में कहा कि ऐसे मेलों से न केवल स्थानीय उद्यमियों को प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि यह स्थल एक पिकनिक हब के रूप में विकसित होगा। इसके रिवर फ्रंट विकास के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार की जा रही है।
उद्यमियों और कारीगरों का प्रोत्साहन
नगर आयुक्त ने मेले में स्टॉल लगाने वाले महिला उद्यमियों और स्थानीय कारीगरों का उत्साहवर्धन किया। यह मेला शहरी महिलाओं के लिए स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है।
मुख्य आकर्षण
70+ स्टॉल्स: महिलाओं द्वारा निर्मित हस्तशिल्प वस्तुएं और स्वरोजगार से जुड़े उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं।
फूड कोर्ट: लजीज व्यंजनों के लिए विशेष व्यवस्था।
ओपन स्टेज: स्थानीय कलाकारों के लिए नि:शुल्क प्रस्तुति का अवसर।
सेल्फी जोन और एक्टिविटी जोन: युवाओं और परिवारों के लिए विशेष आकर्षण।
बोन फायर और सांस्कृतिक गतिविधियां: गंगा किनारे ठंडी शाम को गरमाहट और मनोरंजन का संगम।
सुविधाएं और व्यवस्थाएं
पार्किंग और स्वच्छता के लिए विशेष प्रबंध।
मेडिकल कैंप, हेल्प डेस्क, और कंट्रोल रूम।
शौचालय और पीने के पानी (निगम नीर) की सुविधा।
स्थानीय कलाकारों को मंच
पटना नगर निगम ने इस आयोजन के जरिए स्थानीय कलाकारों को अपनी कला प्रदर्शित करने का मंच प्रदान किया है। कलाकार बिना किसी शुल्क के अपनी प्रस्तुतियों के लिए स्लॉट बुक कर सकते हैं।
गंगा किनारे एक नया अनुभव
यह मेला पटना वासियों को गीत-संगीत, नृत्य, कला, और स्वादिष्ट भोजन के साथ गंगा किनारे पिकनिक का अनोखा अनुभव प्रदान कर रहा है। मेले में हस्तनिर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी और स्थानीय कला की झलक मेहमानों को आकर्षित कर रही है।
सांझा उत्सव पटना की शामों को सुहानी बनाने और सामाजिक व सांस्कृतिक समरसता को बढ़ावा देने का प्रयास है। पटना नगर निगम का यह कदम न केवल शहरवासियों को मनोरंजन और अनुभव का अवसर प्रदान करता है, बल्कि महिलाओं के स्वरोजगार और सांस्कृतिक जागरूकता को भी प्रोत्साहित करता है।