प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 70 साल और उससे ज्यादा उम्र के लोगों के लिए 5 लाख के मुफ्त इलाज की सुविधा की शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने पटना एम्स को भी चार सुविधाओं की सौगात दी। ड्रोन से दवा भेजने, किडनी ट्रांसप्लांट यूनिट, नवजात गहन चिकित्सा इकाई (नीकू) और सक्रिय श्वास समन्वयक के साथ उच्च ऊर्जा रैखिक त्वरक का उद्घाटन किया। इन योजनाओं पर 35.91 करोड़ खर्च हुए हैं।
किडनी ट्रांसप्लांट 15 नवंबर से होगा। इसके लिए दो मरीजों को चिहिृत किया गया है। कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय भी एम्स पटना से वर्चुअल जुड़े। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना एम्स को 27 एकड़ जमीन देने की घोषणा की थी, जिसे अगले साल सरकार प्रदान कर देगी। दरभंगा एम्स को 189 एकड़ जमीन दे दी गई है। उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों और छठ घाटों पर भी कैंप लगाकर आयुष्मान कार्ड बनाया जाएगा।
पटना एम्स से नौबतपुर रेफरल अस्पताल के लिए भेजे गए ड्रोन ने 12 किमी की दूरी मात्र 10 मिनट में तय की। रोड से 30 मिनट से अधिक का समय लगता है। निदेशक डॉ. जीके पाल ने कहा कि ड्रोन से 250 किमी तक दवा भेजने का लक्ष्य है, जिसमें 45 मिनट से एक घंटा तक लगेगा। ड्रोन में 5 किलो तक जीवनरक्षक दवाइयां ले जाने की क्षमता है। अभी सप्ताह में तीन दिन तक दवा लेकर जाएगा।