बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के अभ्यर्थियों के समर्थन में आमरण अनशन कर रहे जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर को सोमवार सुबह पटना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। प्रशांत किशोर 2 जनवरी की शाम 5 बजे से पटना के गांधी मैदान में शांतिपूर्ण अनशन पर बैठे थे। सोमवार सुबह करीब 4 बजे पुलिस ने गांधी मैदान में कार्रवाई करते हुए प्रशांत किशोर को जबरन हटाया। इस दौरान भारी विरोध हुआ और तनावपूर्ण माहौल बन गया।
“पुलिस 5 घंटे से प्रशांत किशोर को लेकर भटक रही, AIIMS में भर्ती कराने में नाकाम”
इधर, इसको लेकर बिहार की सियासत भी गर्म हो गई है। राजद और बीजेपी की इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया सामने आई है। अचरज की बात ये है कि इस मामले में राजद और बीजेपी एक सुर हो गये गईं। राजद के निशाने पर पुलिस की कार्रवाई की जगह प्रशांत किशोर हैं। इस मामले में राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने पीके पर सरकार के साथ मिलीभगत होने का आरोप लगाया।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि ये VIP अनशन, खा पीकर किया गया अनशन ये छात्रों के आंदोलन की आड़ में अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश कर रहे थे। सरकार से मिलीभगत थी. पुलिस प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं। जब गांधी मैदान प्रतिबंधित स्थान था, तब वहां बैठने की इजाज़त क्यों दी? पहले ही दिन क्यों नहीं हटाया? सरकार द्वारा प्रायोजित आंदोलन छात्र और नौजवान भी समझ रहे हैं। तेजस्वी यादव नौजवानों और छात्रों के भविष्य को बचाने के लिए सदन से सड़क तक लड़ेंगे। जो लोग छात्रों के आंदोलन की आड़ में अपनी राजनीति चमका रहे थे वो आज एक्सपोज़ हो गए।
वहीं बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और नीतीश सरकार के मंत्री दिलीप जायसावाल ने आरोप लगाया कि प्रशांत किशोर छात्रों के नाम पर अपनी राजनीति चमका रहे थे। उन्होंने कहा है कि उनकी राजनीति का अंत हो रहा है। ऐसे लोग आते-जाते रहते हैं। उन्होंने कहा कि कहावत है कि खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे, प्रशांत किशोर उसी को चरितार्थ कर रहे थे। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रशासन की चेतावनी के बाद भी प्रशांत किशोर गलत तरीके से अनशन कर रहे थे। गैर कानूनी गतिविधि करने पर प्रसाशन ने अपना काम किया है।
वहीं बिहार सरकार के मंत्री नितिन नवीन ने प्रशांत किशोर के धरना और पुलिस की कार्रवाई पर कहा कि जिस विषय को लेकर प्रशांत किशोर धरना दे रहे हैं छात्र उससे अलग हो गए हैं। क्योंकि बीपीएससी एग्जाम में बड़ी संख्या में छात्रों ने हिस्सा लिया। मुद्दे खत्म हो गए हैं तो किस लिए आंदोलन हो रहा है। गांधी जी के मूर्ति के आगे बैठकर धरना करने से कोई गांधी नहीं बन जाता। प्रशांत किशोर बच्चों को हड़का रहे थे वह भी वीडियो सामने आया है। आंदोलन करने के लिए संघर्ष करना पड़ता है धमकी देने से काम नहीं चलता।